साइलेंट किलर हैं ये 4 कॉमन बीमारियां, जानें कैसे करें वार्निंग साइन की पहचान
- कुछ बीमारियां ऐसी हैं जिनके शरीर में होने का पता लगाना काफी मुश्किल होता है। इस आर्टिकल में हम ऐसी कुछ बीमारियों के बारे में बता रहे हैं जो साइलेंट किलर साबित हो सकती हैं। इसलिए समय रहते इनके लक्षणों को पहचानना जरूरी है।

बीमारियां शरीर को किसी भी समय घेर सकती हैं, लेकिन सही समय पर इनकी पहचान करना बहुत जरूरी है। अगर सही समय पर इन बीमारियों की पहचान न की जाए तो ये साइलेंट किलर बन जाती हैं। कुछ लोग मानते हैं कि वह हेल्दी खा रहे हैं और हेल्दी रूटीन को फॉलो कर रहे हैं तो वह किसी बीमारी की चपेट में नहीं आएंगे। जबकि इन दिनों स्ट्रेस के कारण भी आप कुछ बीमारियों का शिकार हो सकते हैं। यहां हम ऐसी ही बीमारियों के बारे में बता रहे हैं जो साइलेंट किलर साबित होती है।
1) हाई ब्लड प्रेशर
हाई ब्लड प्रेशर सबसे खतरनाक हेल्थ प्रॉब्लम में से एक है। इसे साइलेंट किलर माना जाता है क्योंकि यह बिना किसी लक्षण के होता है। कई बार इससे शरीर को डैमेज होने के बाद ही लोगों को इसके बारे में पता चलता है। इससे न केवल दिल और नसें प्रभावित होती हैं, बल्कि इससे स्ट्रोक, हार्ट अटैक और दूसरी गंभीर दिल संबंधी बीमारियों का खतरा होता है। इसे पहचानने के लिए समय-समय पर ब्लड प्रेशर की जांच करें। कुछ लोगों को बीपी हाई होने पर नाक की हड्डी में दर्द भी महसूस होता है।
2) डायबिटीज
डायबिटीज एक कॉमन हेल्थ प्रॉब्लम है। ये दो तरह की होती है टाइप 1 और टाइप 2। इसके होने पर कुछ लोगों को शुरुआत में कोई लक्षण नहीं दिखते लेकिन बीमारी के बढ़ने पर थकान, वजन घटने, बार-बार पेशाब और प्यास लगने जैसे लक्षण दिखते हैं। ये एक ऐसी समस्या है जिससे दिल, किडनी और नजर डैमेज हो सकती है। डायबिटीज की वजह से कुछ लोगों को हाथों या पैरों में झुनझुनी भी होती है।
3) ऑस्टियोपोरोसिस
ऑस्टियोपोरोसिस एक हड्डी की बीमारी है, अक्सर लोग इस बीमारी को पहचानने में देरी करते हैं क्योंकि इसमें कोई भी लक्षण या संकेत नहीं दिखते हैं। हड्डियों की डेनसिटी पर असर करने के अलावा यह ओरल हेल्थ को भी प्रभावित कर सकता है। किसी भी प्रकार की हड्डी की बीमारी को रोकने के लिए कैल्शियम और विटामिन डी से भरपूर मात्रा में खाएं। जोड़ों में तेज दर्द होने पर डॉक्टर की सलाह लें।
4) स्लीप एपनिया
स्लीप एपनिया नींद से जुड़ी एक सीरियस समस्या है। जिसमें लोग सोते समय जोर से सांस लेते हैं। इससे तेज खर्राटे, दिन में ज्यादा थकान जैसे लक्षण हो सकते हैं। सीरियस स्लीप एपनिया वाले पेशेंट में नींद के दौरान अचानक मृत्यु और स्ट्रोक होने की खतरा ज्यादा होती है। नींद के समय सांस रुकना या तेज खर्राटे इसके कॉमन लक्षण है।
डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है और पेशेवर चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। किसी चिकित्सीय स्थिति के बारे में किसी भी सवाल के लिए हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह लें।
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