झारखंड के 7 जिलों में EWS को 10% आरक्षण, पिछड़ा आरक्षण शून्य; सदन में गूंजा मामला
राज्य सरकार ने अपने जवाब में माना है कि 17 जिलों में पिछड़ा वर्ग को सात से 28 प्रतिशत आरक्षण मिल रहा है, जबकि सात जिलों में आरक्षण शून्य है। सदन में बीजेपी विधायक ने यह सवाल उठाया था।
राज्य सरकार से विधायक जयप्रकाश भाई पटेल ने सदन में सवाल किया था कि पिछड़ा वर्ग को राज्य में जनसंख्या के अनुपात में कम आरक्षण मिल रहा है। राज्य सरकार ने इस सवाल के जवाब में स्वीकारा है कि पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या से संबंधित आंकड़े ही विभाग में उपलब्ध नहीं हैं। वहीं जिलास्तरीय पदों में जहां ईडब्लूएस की आबादी 10 प्रतिशत से कम है, वहां भी उन्हें 10 प्रतिशत से अधिक का लाभ मिल रहा है। राज्य सरकार ने अपने जवाब में माना है कि 17 जिलों में पिछड़ा वर्ग को सात से 28 प्रतिशत आरक्षण मिल रहा है, जबकि सात जिलों में आरक्षण शून्य है।
संशोधन विधेयक पास हुआ तो मिलेगा 77 फीसदी आरक्षण
राज्य सरकार ने विधायक जयप्रकाश भाई पटेल और लंबोदर महतो के सवाल पर सदन में बताया है कि झारखंड पदों व सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण संशोधन विधेयक 2022 पारित हुआ तो आरक्षण बढ़ेगा। इस संशोधन विधेयक के जरिए अनुसूचित जाति को 12 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति को 28 प्रतिशत, अत्यंत पिछड़ा वर्ग को 15 प्रतिशत, पिछड़ा वर्ग को 12 प्रतिशत व आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा। अत कुल 77 प्रतिशत सीटें रिक्तियों में आरक्षित होंगी।
नियोजन नीति पर विधानसभा में पक्ष-विपक्ष आमने-सामने
विधानसभा सत्र के दौरान भाजपा ने सवाल उठाया था कि राज्य में 26001 शिक्षकों की नियुक्ति किस नियोजन नीति के आधार पर हो रही है। राज्य सरकार के जवाब से स्पष्ट है कि शिक्षकों की बहाली झारखंड पदों व सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण संशोधन अधिनियम 2019 के द्वारा की जाएगी।