झारखंड: 2900 मेगावाट के पार पहुंची बिजली की मांग, आपूर्ति केवल 2200 तक; लोग हलकान
अब तक रिकॉर्ड 2800 मेगावाट तक बिजली की मांग रिपोर्ट हो रही थी। सामान्य मौसम के दौरान राज्य में बिजली की मांग 2000 से 2200 मेगावाट तक रहती है। मांग और आपूर्ति में भारी अंतर की वजह से परेशानी हो रही है।
भीषण गर्मी के बीच राज्य में बिजली की मांग रविवार को अब तक के सर्वाधिक स्तर 2900 मेगावाट तक जा पहुंची। अब तक रिकॉर्ड 2800 मेगावाट तक बिजली की मांग रिपोर्ट हो रही थी। सामान्य मौसम के दौरान राज्य में बिजली की मांग 2000 से 2200 मेगावाट तक रहती है। बिजली की रिकॉर्ड तोड़ मांग के बीच व्यस्त समय में शाम 6 से रात बारह बजे के दौरान आपूर्ति 2500 मेगावाट तक हो पा रही है। सूबे में व्यस्त समय के दौरान बिजली की मांग और आपूर्ति में 200 से 400 मेगावाट तक का अंतर लोड शेडिंग का कारण बन रहा है। रांची समेत राज्य के ज्यादातर हिस्सों में बारी-बारी से 2 से 4 घंटे की कटौती हो रही है। स्थानीय खराबी के कारण भी बिजली की आंखमिचौली देखी जा रही है। बिजली वितरण निगम के अधिकारी और दस्ता कम समय में ब्रेक डाउन दुरुस्त कर आपूर्ति सामान्य करने में जुटे हैं। बता दें इस समय 200 से 500 मेगावाट तक बिजली एक्सचेंज से ससमय मांग के आधार पर खरीदी जा रही है।
राष्ट्रपति के कार्यक्रम के बाद शुरू होगा 500 एमपीए क्षमता का ट्रांसफर
नामकुम में 500 एमवीए क्षमता के ट्रांसफार्मर से आपूर्ति की योजना बदली गई है। बिजली की सर्वाधिक मांग को देखते हुए नामकुम में स्थापित किए जा रहे 500 एमवीए क्षमता के ट्रांसफार्मर से आपूर्ति शुरू करने की कार्ययोजना फिलहाल टाल दी गई है, क्योंकि इसके लिए दिन के समय शटडाउन की जरूरत है। सूत्रों के अनुसार राष्ट्रपति के कार्यक्रम के बाद ही 500 एमवीए क्षमता के ट्रांसफार्मर से आपूर्ति शुरू करने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
भीषण गर्मी में लोकल फॉल्ट और लोड शेडिंग से परेशानी
रांची में रविवार को एक तो तापमान 40 डिग्री पार रहा, ऊपर से रुक-रुककर बिजली बाधित ने लोगों का जीना हराम कर दिया। कई इलाकों में ये समस्याएं ओवर लोडिंग और लोकल फॉल्ट के कारण आईं। रांची में मौजूद करीब 200 फीडरों में क्रमवार लोकल फॉल्ट की समस्या आती है। शाम होते बिजली की आंखमिचौली ज्यादा शुरू हो जा रही है। दोपहर 12 बजे गाड़ीगांव पहानटोली में लाइन ब्रेक डाउन हो गया। जिस कारण करीब साढ़े चार घंटे बिजली बाधित रही। जबकि अन्य इलाकों में फ्यूज उड़ने समेत अन्य समस्याएं आईं।
राज्य में बिजली की मांग में वृद्धि और कमी से भी परेशानी
राज्य में बिजली की मांग दिन के समय एकाएक बढ़ और रात के समय घट जा रही है। ऐसी स्थिति में इंडियन एनर्जी एक्सचेंज से अतिरिक्त बिजली का प्रबंध होने तक लोड शेडिंग की नौबत बन जा रही है। राज्य में सरकारी उत्पादन इकाई टीवीएनएल से करीब 370 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है। जबकि मांग 2900 मेगावाट जा पहुंची है। जेबीवीएनएल मुख्य रूप से एनटीपीसी, डीवीसी, सेकी, राज्य की निजी उत्पादन इकाइयों और राष्ट्रीय ग्रिड से बिजली की कमी पूरी करता है। गेतलसूद डैम में जल स्तर बेहतर रहने पर सिकिदरी पन बिजली से उत्पादन किया जाता है, लेकिन इन दिनों यह मुश्किल है।