मच्छर-जनित बीमारियों की निशुल्क होगी जांच, इन अस्पतालों में मिलेगी सुविधा
निदेशक ने अपने दिशा-निर्देश में कहा है कि वर्षा के दौरान एवं उसके बाद वेक्टर जनित रोगों जैसे- मलेरिया, डेंगू, चिकेनगुनिया, जापानी इंसेफेलाइटिस के प्रसारण की आशंका बढ़ जाती है। रोकथाम जरूरी है।
मानसून व मानसून के बाद मच्छर जनित रोगों के प्रसार की आशंका को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग इससे निबटने की तैयारी में जुट गया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, झारखंड के अभियान निदेशक डॉ भुवनेश प्रताप सिंह ने राज्य के सभी उपायुक्त एवं सिविल सर्जन को इस बाबत विस्तृत दिशा-निर्देश दिया है। साथ ही, 10 जिलों में मुफ्त जांच व उपचार के लिए सेंटिनल हॉस्पिटल बनाए गए हैं। यहां डेंगू व चिकेनगुनिया के मरीजों की मुफ्त जांच एवं प्रबंधन की व्यवस्था की गयी है। इसके साथ ही सभी सीएचसी में प्लेटलेट्स काउंट के साथ रूटीन ब्लड टेस्ट की व्यवस्था सुनिश्चित करने की हिदायत दी है।
सभी जिलों में कम्युनिटी वॉलेंटियर्स आवंटित
निदेशक ने अपने दिशा-निर्देश में कहा है कि वर्षा के दौरान एवं उसके बाद वेक्टर जनित रोगों जैसे- मलेरिया, डेंगू, चिकेनगुनिया, जापानी इंसेफेलाइटिस के प्रसारण की आशंका बढ़ जाती है। इसके लिए जरूरी है कि इसकी रोकथाम के लिए विभिन्न स्तरीय तैयारी की जाए। ताकि किसी प्रकार की महामारी से बचाया जा सके। उन्होंने इसके लिए 10 जून तक कार्ययोजना तैयार कर मुख्यालय को उपलब्ध कराने एवं मच्छर जनित रोगों से नियंत्रण के कार्य 15 जून से प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। इसके लिए सभी जिलों को कम्युनिटी वोलेंटियर्स आवंटित किए गए हैं।
किन अस्पतालों में होगी मुफ्त जांच की सुविधा
इन अस्पतालों में मुफ्त जांच और इलाज रिम्स रांची, पीएमसीएच धनबाद, एमजीएम जमशेदपुर, सदर अस्पताल रांची, चाईबासा, हजारीबाग, पलामू, दुमका, गोड्डा व सिमडेगा के डीपीएचएल को सेंटिनल सर्विलांस हॉस्पिटल के रूप में चिह्नित किया गया है। जोनल एंटोमोलॉजिकल यूनिट, रांची एवं हजारीबाग को संक्रमण की स्थिति पर नजर रखते हुए निगरानी की जिम्मेदारी दी गयी है।
सहिया को जांच किट के साथ दवाइयां मिलेगी
अभियान निदेशक ने सभी उपायुक्तों को सीएचसी स्तर पर एमपीडब्ल्यू एवं सहिया द्वारा सक्रिय सर्वेक्षण सुनिश्चित करने को कहा है। सब सेंटर स्तर पर मलेरिया केस सर्टिफिकेशन करने के साथ ही हाई एंडेमिक सब सेंटर की सभी सहिया को जांच किट के साथ मलेरिया की दवा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। जिलावार छिड़काव सुनिश्चित करने एवं मलेरिया रोगी को सूचीबद्ध कर अनुश्रवण करने की हिदायत दी है।
उपायुक्तों को कहा गया है कि एमपीडब्ल्यू द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में मलेरिया, डेंगू, चिकेनगुनिया व जैपनीज इंसेफेलाइटिस के संभावित मरीजों की पहचान कर अविलंब नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों पर भेजे जाएं। लक्षणों के आधार पर संदिग्ध मरीजों की सूचना सीएचसी प्रभारी को दी जाए। ताकि, सैंपल कलेक्ट कर जांच के लिए उसे सेंटिनल साइट भेजा जा सके। उन्होंने कालाजार व फाइलेरिया के नियंत्रण को लेकर भी विस्तृत दिशा निर्देश दिया है।