Hindi Newsझारखंड न्यूज़Know what the High Court expressed concern over the rising corona infection in Jharkhand

झारखंड में बढ़ते कोरोना संक्रमण पर जानें हाईकोर्ट ने क्या जताई चिंता

राज्य में कोरोना के बढ़ते संक्रमण और इससे निपटने के इंतजाम पुख्ता नहीं होने पर हाईकोर्ट ने चिंता जतायी है। शुक्रवार को कोरोना से निपटने के लिए दायर जनहित याचिका सुनवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं होने के...

rupesh रांची प्रमुख संवाददाता, Sat, 25 July 2020 01:14 AM
share Share

राज्य में कोरोना के बढ़ते संक्रमण और इससे निपटने के इंतजाम पुख्ता नहीं होने पर हाईकोर्ट ने चिंता जतायी है। शुक्रवार को कोरोना से निपटने के लिए दायर जनहित याचिका सुनवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं होने के बावजूद चीफ जस्टिस ने महाधिवक्ता को विशेष तौर पर वर्तमान हालात की जानकारी दी। चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने महाधिवक्ता से कहा कि हालात से लगता है कि सरकार इस महामारी से निपटने की तैयारी सही तरीके से नहीं कर सकी है।

कोर्ट ने कहा कि हर ओर अव्यवस्था का माहौल है। ट्रूनेट मशीन से चार घंटे में जांच रिपोर्ट देने  का दावा किया गया था पर हकीकत यह है कि 30 घंटे बाद रिपोर्ट मिल रही है। सैंपल देने के बाद लोग घूम रहे हैं। यह डराने वाली स्थिति है। कोर्ट ने कहा कि चूंकि यह मामला आज सुनवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं है, इस कारण हम आज न्यायिक आदेश नहीं दे रहे हैं, लेकिन सरकार को मौजूदा हालात से अवगत कराना जरूरी है। उम्मीद है कि 31 जुलाई जिस दिन इस मामले की सुनवाई होनी है उस दिन सरकार सही तथ्य सामने रखेगी।
अदालत ने हाईकोर्ट का उदाहरण देते हुए कहा कि यहां के कुछ कर्मचारियों का सैंपल 15 और 17 जुलाई को लिया गया था, लेकिन अभी तक रिपोर्ट नहीं मिली। सैंपल देने के बाद लोग काम पर भी आ रहे हैं। हाईकोर्ट के कर्मचारियों के मामले में जब ऐसा है, तो दूसरे लोगों की रिपोर्ट कितने दिनों में मिलती होगी इसे समझा जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि पूर्व में जब भी इस मामले की सुनवाई हुई तो  सरकार ने दावा किया कि हालात से निपटने की पूरी तैयारी है। डॉक्टर, पारा मेडिकलकर्मी और सभी इंफ्रास्ट्रक्चर मौजूद हैं, लेकिन हालात तो कुव्यवस्था का इशारा कर रहे हैं। 

कोर्ट के खाली भवन को आइसोलेशन सेंटर बनाने का प्रस्ताव
चीफ जस्टिस ने महाधिवक्ता को हाईकोर्ट के खाली भवन में कोर्ट के तृतीय और चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों के लिए आइसोलेशन सेंटर बनाने का प्रस्ताव दिया। साथ ही कहा, जजों के लिए गेस्ट हाउस को आइसोलेशन सेंटर बनाया जा सकता है। इसके अलावा ज्यूडिश्यिल एकेडमी के खाली भवनों में भी आइसोलेशन सेंटर बनाने का सुझाव सरकार को दिया। महाधिवक्ता ने हाईकोर्ट के नए भवन में भी आइशोलेशन सेंटर बनाने का सुझाव दिया, इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि यदि सरकार प्रस्ताव भेजे तो इसपर विचार किया जा सकता है। 

सरकार से निर्देश लेकर पूरी जानकारी देंगे
महाधिवक्ता राजीव रंजन ने अदालत को बताया कि सरकार ने पूरी तैयारी की है। स्थिति से बेहतर तरीके से निपटा जा रहा है।  लैब टेकिनशियनों के के संक्रमित हो जाने के कारण लैब बंद हो जाता है इससे कुछ दिन जांच प्रभावित होती है। उन्होंने सभी मामलों पर सरकार से निर्देश प्राप्त कर अदालत को अवगत कराने का भरोसा दिया।  
चीफ जस्टिस ने महाधिवक्ता को हाईकोर्ट के खाली भवन में कोर्ट के तृतीय और चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों के लिए आइसोलेशन सेंटर बनाने का प्रस्ताव दिया। साथ ही जजों के लिए गेस्ट हाउस को आइसोलेशन सेंटर के रूप में सरकार तैयार कर सकती है। इसके अलावा ज्यूडिश्यिल एकेडमी के खाली भवनों में भी आइसोलेशन सेंटर बनाने का सुझाव सरकार को दिया। महाधिवक्ता ने हाईकोर्ट के नए भवन में भी आइशोलेशन सेंटर बनाने का सुझाव दिया, इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि यदि सरकार प्रस्ताव भेजे तो इसपर विचार किया जा सकता है। 

सरकार से निर्देश लेकर पूरी जानकारी देंगे
महाधिवक्ता राजीव रंजन ने अदालत को बताया कि सरकार ने पूरी तैयारी की है। स्थिति से बेहतर तरीके से निपटा जा रहा है।  लैब टेकिनशियनों के के संक्रमित हो जाने के कारण लैब बंद हो जाता है इससे कुछ दिन जांच प्रभावित होती है। उन्होंने सभी मामलों पर सरकार से निर्देश प्राप्त कर अदालत को अवगत कराने का भरोसा दिया।  

कोर्ट के कर्मचारियों की भी जांच रिपोर्ट नहीं मिली
चीफ जस्टिस ने कहा कि  दस दिन पहले हाईकोर्ट के 50 कर्मचारियों का सैंपल लिया गया था। लेकिन उनकी रिपोर्ट नहीं मिली है। यह भी पता नहीं चल रहा है कि जांच कहां हो रही है। इस पर महाधिवक्ता ने बताया कि रिपोर्ट आ गयी है। सभी निगेटिव मिले हैं। पांच की रिपोर्ट दोबारा जांच के लिए भेजी गयी है। 

  

अगला लेखऐप पर पढ़ें