रांची में वायरल फ्लू का हमला, रिम्स में उमड़ी मरीजों की भीड़; संभालना मुश्किल
राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स के ओपीडी में बुधवार को मरीजों की भीड़ लगी रही। रिम्स से मिले आंकड़े के मुताबिक बुधवार को 2403 मरीजों ने ओपीडी व इमरजेंसी में चिकित्सीय सलाह ली।
राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स के ओपीडी में बुधवार को मरीजों की भीड़ लगी रही। रिम्स से मिले आंकड़े के मुताबिक बुधवार को 2403 मरीजों ने ओपीडी व इमरजेंसी में चिकित्सीय सलाह ली। इनमें 1821 नए मरीज, जबकि 582 दोबारा पहुंचे थे। वैसे रोज औसतन 800 मरीज यहां दिखाने पहुंचते हैं। सबसे ज्यादा मरीजों की संख्या मेडिसिन विभाग के ओपीडी में थी। यहां कुल 343 मरीज पहुंचे। इनमें 279 नए मरीज, जबकि 64 मरीज वैसे थे, जिन्होंने दोबारा परामर्श लिया है।
लगी रही मरीजों की लंबी कतार
चिकित्सकीय परामर्श के लिए ओपीडी पहुंचे मरीज घंटों तक कतार में अपनी बारी की प्रतीक्षा करते रहे। निर्धारित समय तक सभी मरीजों को चिकित्सकों ने देखा और रोग निदान के लिए परामर्श दिया। स्वतंत्रता दिवस पर मंगलवार को रिम्स की ओपीडी सेवा बंद थी। जिसके बाद बुधवार को ओपीडी खुलने पर मरीजों की अच्छी खासी भीड़ देखने को मिली।
स्किन ओपीडी में भी कुल 199 मरीज पहुंचे
मेडिसिन विभाग के ओपीडी में आने वाले अधिकांश मरीजों में वायरल फ्लू का लक्षण देखने को मिला। बता दें कि बरसात के मौसम में सर्दी-खांसी और बुखार से पीड़ित लोगों की संख्या बढ़ी है। इनमें काफी संख्या में बच्चे भी हैं। वहीं, स्किन ओपीडी में भी कुल 199 मरीज पहुंचे थे। इनमें 163 नए मरीज, जबकि 36 ऐसे मरीज थे, जिन्होंने दोबारा चिकित्सक से परामर्श लिया।
8 दिनों से नहीं मिल रही एमआरआई की सुविधा
रिम्स में मरीजों को लगभग 8 दिनों से एमआरआई की सुविधा नहीं मिल पा रही है। धनबाद से बेहतर उपचार के लिए रिम्स भेजे गए झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह की एमआरआई भी नहीं हो पायी है। हालांकि मेडिकल बोर्ड ने संजीव सिंह को हायर सेंटर रेफर कर दिया है। डॉक्टरों ने उन्हें सीटी स्कैन एवं एमआरआई कराने का सुझाव दिया था। यही नहीं, रिम्स में हर दिन ऐसे दर्जनों मरीज हैं, जिनकी एमआरआई नहीं हो पा रही है। कारण यह है कि रिम्स में संचालित एमआरआई का एएमसी (एनुअल मेंटेनेस कॉन्ट्रैक्ट) फेल हो चुका है। प्रबंधन द्वारा एएमसी नहीं करने के कारण कंपनी एमआरआई मशीन को ठीक नहीं कर रही है।