फर्श पर कैदी मरीज का इलाज, बेड में लेटे मोबाइल चला रहा था पुलिसकर्मी; नजारा रिम्स का
मिली जानकारी के मुताबिक बेड के नीचे फर्श पर कैदी मरीज को लिटाकर इलाज करने का यह मामला राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एवं अस्पताल के न्यूरो सर्जरी विभाग का है। विपक्ष ने इसे मुद्दा बनाया है।
कैदी मरीज बेड के नीचे फर्श पर लेटा था। उसके हाथ रस्सियों के सहारे बेड से बंधे थे। उसकी सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी बेड के ऊपर लेटा आराम फरमा रहा था। मोबाइल चला रहा था। ये नजारा है अपनी बदहाली के लिए बदनाम, प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स का। कैदी मरीज के सुरक्षा में कोताही का यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है और विपक्ष ने इसे मुद्दा बना लिया है।
रिम्स के न्यूरो सर्जरी विभाग की घटना
मिली जानकारी के मुताबिक बेड के नीचे फर्श पर कैदी मरीज को लिटाकर इलाज करने का यह मामला राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एवं अस्पताल के न्यूरो सर्जरी विभाग का है। सर्जरी विभाग के वार्ड नंबर-2 के गेट के ठीक सामने यह नजारा दिखा जहां मरीज फर्श पर लेटा था वहीं उसकी सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी बेड पर बैठकर फोन चला रहा था। कैदी मरीज को फर्श पर लिटाकर इलाज करना अमानवीय तो है ही, यह सुरक्षा व्यवस्था के साथ भी खिलवाड़ है। यदि ऐसी स्थिति में कैदी मरीज भाग जाता तो जवाबदेही किसकी थी।
बाबूलाल मरांडी ने खड़े किए गंभीर सवाल
बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने उक्त घटना पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि 'रिम्स में इलाजरत एक कैदी मरीज की सुरक्षा में तैनात सिपाही मरीज का बेड हथिया कर बड़े आराम से मोबाइल पर दुनिया से कनेक्शन बनाए हुए है, वहीं अमानवीय तरीके से मरीज को बेड के नीचे सरका दिया गया है। जहां मरीजों को बेड हासिल करने के लिए संघर्ष करना पड़ता हो वहां की यह तस्वीर शर्मनाक है'।