झारखंड के अस्पतालों में दिखा डॉक्टरों की हड़ताल का असर, OPD ठप; इमरजेंसी में भी इलाज मुश्किल
झारखंड में आईएमए और झासा के तत्वाधान में बुलाए गए बंद का व्यापक असर दिखा। झारखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स सहित कई सरकारी एवं निजी अस्पतालों में ओपीडी तथा इमरजेंसी सेवाएं ठप रही।
झारखंड में आईएमए और झासा के तत्वाधान में बुलाए गए बंद का व्यापक असर दिखा। झारखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स सहित कई सरकारी एवं निजी अस्पतालों में ओपीडी तथा इमरजेंसी सेवाएं ठप रही। मरीज पहुंचे लेकिन डॉक्टर नहीं पहुंचे। अस्पताल के काउंटर्स पर पर्चा काटा गया लेकिन डॉक्टरों ने इलाज नहीं किया। गढ़वा में एसडीओ और थाना प्रभारी की अगुवाई में प्रशासन की टीम डॉक्टरों को समझाने पहुंची। सिविल सर्जन से वार्ता हुई। कहा गया कि आपसी विचार-विमर्श के पश्चात हड़ताल खत्म करने पर विचार होगा।
रिम्स में ठप रही ओपीडी सेवा
रांची के रिम्स अस्पताल में ओपीडी में हड़ताल का असर दिखा। डॉक्टर नहीं पहुंचे थे। दूर-दराज से आए मरीजों का कहना था कि उनको हड़ताल की जानकारी नहीं थी। परेशान होना पड़ा। रिम्स की ओपीडी में तो पर्ची भी नहीं कटा। कार्डियोलॉजी में पर्चा कटा लेकिन मरीजों का इलाज नहीं हो सका। सेवा सदन में भी ओपीडी सेवा ठप रही। पुरुलिया से रिम्स पहुंचे कुछ मरीजों और उनके तीमारदारों ने कहा कि हड़ताल की जानकारी होती तो नहीं आते। अब पूरा 1 दिन इंतजार करना पड़ेगा। राजधानी रांची सहित दूसरे जिलों में भी हड़ताल का असर दिखा।
आईएमए के आह्वान पर बुलाई हड़ताल
गौरतलब है कि पिछले दिनों अलग-अलग घटनाओं में डॉक्टरों पर हुए हमले को लेकर यह हड़ताल बुलाई गई थी। 1 दिन पहले ही रांची के गुलमोहर अस्पताल के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ अंचल कुमार पर जानलेवा हमला किया गया था। पिछले महीने रांची के करमटोली चौक पर रिम्स के चिकित्सक की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। साथी डॉक्टरों का आरोप है कि परिवार की सहायता करने में सरकार ने बहुत उदासीन रवैया दिखाया। गढ़वा में डॉक्टरों और प्रशासन के बीच ठन गई। इसे लेकर भी नाराजगी है।