आज झारखंड में ठप रहेगा पूरा हेल्थ सिस्टम, हड़ताल पर जाएंगे सारे डॉक्टर; यह है वजह
आईएमए और झासा के आह्वान पर बुधवार को राज्यभर के सरकारी और निजी चिकित्सक कार्य बहिष्कार करेंगे। हालांकि अस्पतालों की इमरजेंसी में इलाज की सुविधा मिलती रहेगी। रिम्स में ओपीडी सेवा भी बहाल रहेगी।
आईएमए और झासा के आह्वान पर बुधवार को राज्यभर के सरकारी और निजी चिकित्सक कार्य बहिष्कार करेंगे। हालांकि अस्पतालों की इमरजेंसी में इलाज की सुविधा मिलती रहेगी। आईएमए और झासा चिकित्सकों पर लगातार हो रहे हमले के खिलाफ गोलबंद हैं। वे मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट और चिकित्सकों की सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। निजी और सरकारी सभी डॉक्टर्स इस प्रोटेस्ट में शामिल रहेंगे।
रिम्स हॉस्पिटल में बहाल रहेगी ओपीडी सेवा
इधर, रिम्स प्रबंधन ने कहा कि अस्पताल की ओपीडी खुली रहेगी, पर दूसरी ओर अस्पताल के ही डॉक्टरों का कहना है कि हम सभी आईएमए के सदस्य हैं और कार्य बहिष्कार का आह्वान आईएमए का ही है। रिम्स के जनसंपर्क अधिकारी डॉ राजीव रंजन ने कहा कि सीनियर डॉक्टरों से लेकर पीजी डॉक्टरों तक को सेवा बाधित नहीं करने का निर्देश दिया गया है। उन्हें ड्यूटी निभाने को कहा गया है। माना जा रहा है कि रांची के निजी अस्पतालों में भी कार्य बहिष्कार का असर रहेगा। वहां भी ओपीडी बंद रहेंगे। रांची। रांची के मेडिका, आर्किड, राज सहित सभी निजी अस्पतालों में भी ओपीडी सेवा पूरी तरह बंद रहेगी। हालांकि इमरजेंसी में डॉक्टर मौजूद रहेंगे।
सभी डॉक्टरों ने किया कार्य बहिष्कार का निर्णय
एसोसिएशन ऑफ हेल्थ केयर प्रोवाइडर इंडिया झारखंड चैप्टर के अध्यक्ष योगेश गंभीर ने कहा कि आईएमए और झासा के आह्वान पर कार्य बहिष्कार का समर्थन करते हैं। इस दिन ओपीडी सेवाओं को ठप रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार, प्रताड़ना और हिंसक घटनाओं से हम सभी आहत है। आईएमए वीमेंस विंग की राष्ट्रीय सह अध्यक्ष डॉ भारती कश्यप ने कहा कि जब हर राज्यों में मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू है तो फिर झारखंड में क्यों नहीं। उन्होंने कहा कि भारत को मुस्कुराता हुआ कल चाहिए तो डॉक्टरों की समस्या का हल होना चाहिए। हमारी सुरक्षा सरकार की जिम्मेवारी है। अफसरों और नेताओं को तानाशाही बंद करने की जरूरत है। घटना में जो भी लोग शामिल होते हैं वैसे लोगों पर कार्रवाई जरूरी है
सभी राज्यों में लागू है मेडिकल प्रोटेक्शन बिल
आईएमए वीमेंस विंग की राष्ट्रीय सह अध्यक्ष डॉ भारती कश्यप ने कहा कि जब हर राज्यों में मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू है तो फिर झारखंड में क्यों नहीं। उन्होंने कहा कि भारत को मुस्कुराता हुआ कल चाहिए तो डॉक्टरों की समस्या का हल होना चाहिए। हमारी सुरक्षा सरकार की जिम्मेवारी है। अफसरों और नेताओं को तानाशाही बंद करने की जरूरत है। घटना में जो भी लोग शामिल होते हैं वैसे लोगों पर कार्रवाई जरूरी है।
जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन(रिम्स) के अध्यक्ष डॉ जयदीप चौधरी ने कहा कि आईएमए और झासा के आह्वान पर जेडीए के सभी सदस्य एक मार्च को कार्य बहिष्कार करेंगे। हाल के दिनों में राज्य के विभिन्न जिलों में चिकित्सकों के साथ दुर्व्यवहार और मारपीट की घटना को अंजाम दिया जा रहा है। ऐसे में जेडीए पूरी मजबूती के साथ कार्य बहिष्कार को अपना समर्थन करता है।
रांची में हर दिन 12 हजार मरीज ओपीडी में आते हैं
रांची में हर दिन दस हजार से 12 हजार अधिक मरीज ओपीडी परामर्श के लिए रांची आते हैं। बंद के कारण मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। सिर्फ रिम्स में 1600 से 1800 के करीब मरीज पहुंचते हैं। वहीं निजी अस्पतालों में हर दिन आठ हजार के करीब ओपीडी परामर्श के लिए पहुंचते हैं। इसके अलावा निजी क्लीनिकों में भी दो हजार के करीब मरीज ओपीडी परामर्श लेने पहुंचते हैं।
15 दिनों में चिकित्सकों के साथ हुई घटनाएं
- रांची के वरिष्ठ ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ अंचल कुमार पर जानलेवा हमला।
- गढ़वा में जनप्रतिनिधियों द्वारा सिविल सर्जन, उपाधीक्षक एवं डीपीएम को गाली गलौज व मारपीट।
- हजारीबाग उप विकास आयुक्त द्वारा पीडियाट्रिक हेड के साथ बदसलूकी तथा कॉलर पकड़कर बाहर निकालने की घटना।
- जामताड़ा के विधायक इरफान अंसारी द्वारा सिविल सर्जन को धमकी और कार्य में हस्तक्षेप।
- पेटरवार में डॉ अजय चौधरी के साथ मारपीट की घटना।
- लोहरदगा सिविल सर्जन डॉक्टर संजय कुमार को जान से मारने की धमकी।
- रिम्स के डॉक्टर सौरव की मृत्यु के पश्चात सरकार द्वारा परिवार के साथ सौतेला व्यवहार।