रिम्स में हड़ताल में 28 मरीजों की मौत मामला, राज्य सरकार से कमेटी बनाने के प्रस्ताव की मांग
पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने सरकार से यह बताने को कहा था कि इस मामले की जांच के लिए वह रिटायर जज की अध्यक्षता में कमेटी बनाएगी या नहीं। इस पर सरकार की ओर से जवाब दाखिल नहीं किया गया।
रिम्स में हड़ताल के दौरान 28 लोगों की मौत मामले की जांच के लिए हाईकोर्ट ने सरकार से कमेटी गठित करने के लिए प्रस्ताव देने को कहा है। अदालत ने एक सप्ताह में सरकार को किसी रिटायर जज का नाम का प्रस्ताव देने को कहा है। पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने सरकार से यह बताने को कहा था कि इस मामले की जांच के लिए वह रिटायर जज की अध्यक्षता में कमेटी बनाएगी या नहीं। इस पर सरकार की ओर से जवाब दाखिल नहीं किया गया। अदालत ने 18 मई को सुनवाई निर्धारित करते हुए सरकार को कमेटी गठन के लिए प्रस्ताव देने का निर्देश दिया।
जून 2018 में हुई थी 28 मरीजों की मौत
यह मामला जून 2018 का है। 1 जून को रिम्स में इलाजरत मरीज की मौत हो गई। परिजनों ने गलत इलाज का आरोप डॉक्टरों पर लगाया। परिजनों और डॉक्टरों के बीच मारपीट भी हुई। 2 जून को घटना के विरोध में जूनियर डॉक्टर्स और नर्स हड़ताल पर चले गए। हड़ताल की वजह से व्यवस्था चरमरा गई। हड़ताल की वजह से कम से कम 35 मरीजों का ऑपरेशन नहीं हो पाया। 600 से ज्यादा मरीजों को बिना इलाज वापस लौटना पड़ा। इस दौरान रिम्स में भर्ती गंभीर रूप से बीमार 28 मरीजों की मौत हो गई। इस मामले में जूनियर डॉक्टरों और नर्सों को मरीजों की मौत का जिम्मेदार मानते हुए उनके खिलाफ कोतवाली थाना में शिकायत दर्ज कराई गई थी।
सरकार को दिया था कमेटी बनाने का निर्देश
इस मामले में 21 अप्रैल 2023 को झारखंड में सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र और जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने हेमंत सोरेन सरकार को जांच समिति गठित करने का निर्देश दिया था। जजों ने निर्देश दिया कि कमेटी की अध्यक्षता सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीश करेंगे। बता दें कि 28 मरीजों की मौत के जिम्मेदार लोगों पर अभी तक कार्रवाई नहीं हुई है।