चीफ जस्टिस ने कोर्ट में गुटखा मंगाकर पाबंदी का सरकार को दिखाया सच
राज्य में गुटखा की बिक्री पूरी तरह बंद रहने के दावे की सच्चाई चीफ जस्टिस ने सरकार को शुक्रवार को दिखाई। एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की...
राज्य में गुटखा की बिक्री पूरी तरह बंद रहने के दावे की सच्चाई चीफ जस्टिस ने सरकार को शुक्रवार को दिखाई। एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने पाबंदी के बावजूद राज्य में खुलेआम गुटखा की बिक्री होने पर फटकार लगायी।
कोर्ट ने जब खाद्य आपूर्ति विभाग के विशेष सचिव से पूछा कि रोक के बावजूद गुटखा क्यों मिल रहा है, तो सचिव ने कहा कि गुटखे पर पूरी तरह प्रतिबंध है। इसकी बिक्री कहीं नहीं हो रही है। शपथपत्र में भी इसका उल्लेख किया गया है। इस पर चीफ जस्टिस ने हैरत जताते हुए एक कर्मचारी को बाजार भेज गुटखा लाने को कहा। दस मिनट में कर्मचारी ने पांच-छह ब्रांड का गुटखा लाकर रख दिया। इस पर कोर्ट ने सचिव से पूछा यह कैसी पाबंदी है,देख लीजिए। इस पर सचिव ने आश्वस्त किया कि इसकी जांच कर अविलंब कार्रवाई की जाएगी।
इसके बाद अदालत ने कहा कि सरकार सिर्फ कागज में ही काम कर रही है। जमीनी हकीकत या तो नहीं जानती या जान कर आंख बंद किए हुए है। अदालत ने सरकार को अगली तिथि को राज्य में गुटखा की बिक्री पूरी तरह बंद करने का आदेश देते हुए शपथपत्र दाखिल करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि शपथपत्र में यह स्पष्ट लिखा होना चाहिए कि राज्य में गुटखा की बिक्री अब नहीं हो रही है।
अदालत ने सरकार से यह भी बताने को कहा है कि जब 2018 से राज्य में गुटखे पर प्रतिबंध है, तो इसकी बिक्री कैसे हो रही है। इस पर रोक लगाने के पूर्व सरकार ने कोई स्टडी किया था या नहीं। क्या इस बात का रिकॉर्ड सरकार के पास है गुटखा कहां से पहुंच रहे हैं। इंट्री प्वाइंट कहां है। क्या झारखंड में इसके निर्माण की फैक्ट्री है या नहीं। गुटखा का सेवन करने से बीमार हो रहे लोगों की संख्या कितनी बढ़ी है। अदालत ने अगली तिथि को विस्तार से इसकी जानकारी शपथपत्र के माध्यम से देने का निर्देश दिया।
क्या है मामला : फरियाद फाउंडेशन ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर राज्य में प्रतिबंध के बावजूद गुटखे की बिक्री होने का मामला उठाया है। याचिका में कहा गया है कि प्रतिबंध के बावजूद राज्य में गुटखे की बिक्री धड़ल्ले से हो रही है और सरकार कुछ नहीं कर रही है। गुटखे का सेवन करने से राज्य के लोग गंभीर बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं। राज्य में गुटखे की बिक्री पर पूर्णत: प्रतिबंध लगाने का आग्रह अदालत से किया गया है। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने खाद्य आपूर्ति विभाग के सचिव को हाजिर होने का निर्देश दिया था, लेकिन उनके अस्वस्थ रहने के कारण विशेष सचिव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हाजिर हुए।
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