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Hindi Newsझारखंड न्यूज़A school where girls openly talk about periods the teacher has received an award from the President

ऐसा स्कूल जहां लड़कियों के पीरियड्स पर होती है खुलकर बात, टीचर को राष्ट्रपति से मिल चुका है पुरस्कार

माहवारी और बालिकाओं के स्वास्थ्य को लेकर आज भी बहुत कम बातें होती हैं, क्योंकि इसपर बात करने में झिझक होती है। हालांकि धीरे-धीरे छात्राओं को इस बारे में जागरूक करने का प्रयास हो रहा है।

Mohammad Azam अन्नू कुमारी, जमशेदपुरMon, 28 Aug 2023 03:24 PM
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माहवारी और बालिकाओं के स्वास्थ्य को लेकर आज भी बहुत कम बातें होती हैं, क्योंकि इसपर बात करने में झिझक होती है। हालांकि धीरे-धीरे छात्राओं को इस बारे में जागरूक करने का प्रयास हो रहा है। पूर्वी सिंहभूम का यह एकमात्र सरकारी स्कूल है, जहां छात्राएं अपनी शारीरिक समस्याओं पर खुलकर आपस में चर्चा करती हैं। माहवारी के दौरान वे खुशी-खुशी स्कूल आती हैं, क्योंकि स्कूल में माहवारी स्वच्छता प्रबंधन प्रयोगशाला (एमएचएम लैब) आधुनिक सुविधाओं से युक्त है। यहां दवा के साथ आराम करने के लिए बेड भी लगे हैं। छात्राओं की जटिल समस्याओं पर समूह में न सिर्फ चर्चा की जाती है, बल्कि उनका निदान भी महिला चिकित्सक की सलाह से किया जाता है। 

इस लैब की कमान स्कूल की विज्ञान शिक्षिका शिप्रा मिश्रा संभाल रही हैं। इस शिक्षिका को अपने इस प्रयोग के कारण देश में शिक्षा के क्षेत्र में मिलने वाले सर्वोच्च पुस्कार राष्ट्रपति शिक्षक पुस्कार से नवाजा जा चुका है। कुछ इसी तरह के अभिनव प्रयोग के कारण जमशेदपुर के कदमा का यह टाटा वर्कर्स यूनियन प्लस टू स्कूल सुर्खियों में रहता है।   

छात्राओं को मानसिक तौर पर मजबूत करने की जरूरत 
राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त विज्ञान शिक्षिका शिप्रा मिश्रा का कहना है कि माहवारी के दौरान छात्राओं को मानसिक तौर पर सशक्त बनाने की जरूरत होती है। शारीरिक समस्याओं के लिए निदान के लिए तो दवा है, पर छात्राओं को मानसिक रूप से मजबूत करने की जरूरत थी, ताकि इस मामले में उनकी झिझक दूर हो सके। हमने इसपर काम शुरू किया। छात्राओं की काउंसिलिंग का ही असर है कि वे आज अपनी सहेलियों के साथ इस मसले पर खुलकर चर्चा करती हैं। लैब को आधुनिक बनाना भी चुनौती थी, ताकि छात्राओं को यहां आकर सुखद अनुभूति हो। अब लैब उन सभी सुविधाओं से युक्त है, जिनकी छात्राओं को अक्सर जरूरत पड़ती रहती है। लैब में एमएचएम फ्रेंडली टॉयलेट की भी व्यवस्था की गई है। 

लैब में लाइब्रेरी, बेड के साथ गर्म पानी की व्यवस्था 
एमएचएम लैब का निर्माण शिक्षिका शिप्रा मिश्रा के प्रयास से  किया गया है। यहां पर इसमें एक बुक सेल्फ है, जहां माहवारी से जुड़ी सारी जानकारी उपलब्ध कराने वाली किताबें रखी गई हैं। लैब में पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द और सेंक लगाने के लिए हॉट वाटर बैग की व्यवस्था की गई है। गर्म पानी के लिए इलेक्ट्रिक कैटल भी है। ज्यादा दर्द होने पर छात्राओं के लिए बेड की व्यवस्था है, जहां छात्राएं आराम कर सकेंगी। मासिक धर्म क्यों होता है और क्यों जरूरी है, इससे जुड़ी सारी जानकारी मासिक चक्र और पोस्टर के माध्यम से देने का प्रयास है। इसे स्कूल की छात्राओं ने मिलकर बनाया है। दीवारों पर इससे जुड़े कई स्लोगन लिखे गए हैं। दीवार पर चित्रों के माध्यम से छात्राओं और स्कूल में पढ़नेवाले सभी विद्यार्थियों को जानकारी देने का प्रयास किया गया है। इस लैब में एक सजेशन बॉक्स भी लगाया गया है, जिसमें छात्राएं और शिक्षक शिक्षिकाएं सलाह-मशविरा के लिए प्रयोग कर सकती हैं। 

वॉशरूम में भी सभी सुविधाएं 
लैब के वॉशरूम में सभी सुविधाएं मौजूद हैं। छात्राओं को कपड़े धोने के साथ उसके सुखाने की व्यवस्था की गई है। छात्राओं को एक अतिरिक्त यूनिफॉर्म लाने की सलाह दी जाती है, ताकि जरूरत पड़ने पर वह उसका उपयोग कर सकें। इस वॉशरूम में छात्राओं के लिए एक वार्ड रोब बनाया गया है। जहां छात्राओं के लिए यूनिफॉर्म रखे गए हैं। छात्राएं यहां यूनिफार्म बदल सकती हैं। इसके अलावा अन्य लैब की तरह इंसीनरेटर, सेनेटरी वेंडिंग मशीन की व्यवस्था तो आम है।

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