प्रशासनिक कार्रवाई के विरोध में सरकारी डॉक्टरों ने ओपीडी ठप
साहिबगंज में पहाड़िया बच्ची की इलाज के अभाव में हुई मौत के मामले में जिला प्रशासन की कार्रवाई के खिलाफ डॉक्टरों ने ओपीडी सेवा ठप कर दी। इससे लगभग 200-250 मरीज बिना इलाज लौट गए। इमरजेंसी मरीजों का इलाज...
साहिबगंज/राजमहल। पहाड़िया बच्ची की कथित रूप से इलाज के अभाव में बीते नौ सितम्बर को हुई मौत के मामले में जिला प्रशासन के स्तर से की गई कार्रवाई के विरोध में बुधवार को सदर व राजमहल अनुमंडल अस्पताल में डॉक्टरों ने ओपीडी सेवा ठप रखा। इससे इलाज के लिए पहुंचे मरीजों को काफी परेशानी हुई। उन्हें बैरंग लौटना पड़ा। अधिकांश मरीजों ने बताया कि उन्हें मालूम नहीं है कि आज डॉक्टरों की हड़ताल है। राजमहल, मिर्जाचौकी, उधवा, सकरीगली आदि से इलाज के लिए पहुंचे मरीजो को बैरंग लौटना पड़ा। सिर्फ इमरजेंसी मरीजों का ही इलाज हुआ। हालांकि अस्पताल का दवा काउंटर बंद रहने से मरीज को बाहर से दवा खरीदनी पड़ी । सदर अस्पताल में दोपहर करीब 12 बजे से दवा काउंटर खुलने से इमरजेंसी मरीजों को थोड़ी राहत हुई। राजमहल । डॉक्टरों की हड़ताल से अनुमंडल अस्पताल की ओपीडी सेवा बुधवार की सुबह से ही बाधित रही। सिर्फ इमरजेंसी सेवा में ही मरीजों का इलाज हुआ। ओपीडी सेवा, दवा वितरण केंद्र, टीकाकरण, आदि बंद रहने से लगभग 200 से 250 मरीजों को वापस बिना इलाज के लौटना पड़ा। हालांकि इमरजेंसी में आए मरीजों का डॉक्टर ने इलाज किया। उमस भरी गर्मी और तेज धूप से लोग परेशान देखकर इधर-उधर अपने और अपने परिजनों का इलाज करने के लिए भटकते रहे। अस्पताल के प्रभारी उपाधीक्षक डॉ उदय टुडू ने बताया कि बच्ची के मौत के मामले में झारखंड राज्य स्वास्थ्य सेवा संघ दुख और संवेदना व्यक्त करता है। लेकिन इस मामले में डॉक्टरों के खिलाफ जिस तरह से कार्रवाई हुई, वह कतई न्याय संगत नहीं है । झासा इसका कड़े शब्दों में विरोध करता है। मौके पर डॉ देवेन्द्रु बोस समेत अन्य चिकित्सक मौजूद थे। इसबीच झासा के जिला सचिव डॉ. रणविजय कुमार ने बताया कि जबतक पांच सूत्री मांगों पर कार्रवाई नहीं होती है, ओपीडी बहिष्कार जारी रहेगा।
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