आदिवासी मु्द्दों को लेकर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा
रांची में आदिवासियों के मुद्दों को लेकर राष्ट्रीय आदिवासी समन्वय समिति ने राज्यपाल से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने सिरम टोली सरना स्थल से रैंप हटाने, सोनू मुंडा के हत्यारों की गिरफ्तारी और पीएचडी शोध...

रांची, वरीय संवाददाता। आदिवासियों के विभिन्न मुद्दों को लेकर सोमवार को राष्ट्रीय आदिवासी समन्वय समिति भारत के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मुलाकात की। नेतृत्व समिति के समन्वयक पूर्व मंत्री देवकुमार धान ने किया। इस दौरान सिरम टोली सरना स्थल के पास रैंप को हटाने, हेठबालू कांके में आदिवासियों के सरना झंडा को उखाड़ फेंकने और आदिवासी महिलाओं व ग्रामीणों के साथ मारपीट करने, जोरार नामकुम में सोनू मुंडा के हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग की। इसके अलावा आदिवासियों की धार्मिक-सामाजिक जमीन के कब्जाधारियों पर कार्रवाई करने, मरांगबुरु पारसनाथ पहाड़ को अतिक्रमणमुक्त करने की भी बात कही गई। राज्यपाल ने आश्वासन दिया कि सिरम टोली सरना स्थल के समीप रैंप मामले में सरकार से बात की जाएगी और सोनू मुंडा के हत्यारों की गिरफ्तारी के लिए डीजीपी से भी बात करेंगे। अन्य आदिवासी मामलों पर हर संभव कार्रवाई करने की बात भी राज्यपाल की ओर से कही गई। प्रतिनिधिमंडल में सिकंदर हेम्ब्रोम, बलकू उरांव, नेली मरियम कुजूर, रीना सांगा, निर्मल पाहन, कृष्णा लकड़ा सहित अन्य शामिल थे।
पीएचडी शोध पंजीकरण रद्द करने की मांग की
प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से पीएचडी शोध पंजीकरण रद्द करने व सात नवंबर 2022 के पीएचडी रेगुलेशन का अनुपालन करने संबंधी ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया कि रांची विश्वविद्यालय के जनजातीय-क्षेत्रीय भाषा विभाग के जजातीय भाषाओं कुडुख, मुंडारी, हो, संताल, नागपुरी, कुरमाली, पंच परगनिया में पीएचडी शोध कार्य में बहुत धांधली हो रही है। जो शिक्षक पीएचडी उपाधि धारक नहीं हैं, वे भी शोध गाइड-निदेशक बन हुए हैं। इस पर राज्यपाल ने जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने की बात कही।
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