मेरिट लिस्ट अपलोड नहीं होने पर हाईकोर्ट नाराज
स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक प्रतियोगिता परीक्षा 2016 का मामला, जेएसएससी के अध्यक्ष को आज किया तलब, मांगा जवाबप्रार्थियों ने बताया, अभ्यर्थियों का सिर्फ
रांची, संवाददाता। झारखंड हाईकोर्ट में मीना कुमारी एवं अन्य की याचिका पर सुनवाई के दौरान प्रार्थियों की ओर से कोर्ट को बताया गया कि झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएसी) ने हाईकोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं किया है। इस पर कोर्ट ने नराजगी जताई। नाराज कोर्ट ने मामले में 6 सितंबर को जेएसएससी के अध्यक्ष को पूर्वाह्न 11.30 बजे व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर कारण बताने का निर्देश दिया है। कहा कि इस कोर्ट द्वारा पारित आदेश का अनुपालन राज्यवार मेरिट सूची प्रकाशित/अपलोड करके क्यों नहीं किया गया है। क्यों न उनके खिलाफ न केवल इस कोर्ट का, बल्कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भी जानबूझकर उल्लंघन करने के लिए अवमानना कार्यवाही शुरू की जाए। मामले की सुनवाई हाईकोर्ट के जस्टिस दीपक रोशन की अदालत में हुई। जेएसएससी ने स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा 2016 की राज्य स्तरीय मेरिट लिस्ट के बजाय अभ्यर्थियों का अलग-अलग स्कोर कार्ड जारी किया है। जबकि पिछली सुनवाई में जेएसएसी ने वर्ष 2016 के हाईस्कूल शिक्षक नियुक्ति विज्ञापन के आलोक में राज्य स्तरीय मेरिट लिस्ट जारी करने पर सहमति जताई थी। मामले की सुनवाई के दौरान जेएसएससी की ओर से कोर्ट को बताया गया कि अभ्यर्थियों की कंबाइंड मेरिट लिस्ट जारी की गई है। इस पर हाईकोर्ट की एकल पीठ ने नाराजी जताते हुए कहा कि राज्य स्तरीय मेरिट लिस्ट का जारी नहीं किया जाना, सुप्रीम कोर्ट एवं हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना है।
दरअसल, पिछली सुनवाई में झारखंड हाईकोर्ट में जेएसएससी की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि राज्य स्तरीय मेरिट लिस्ट जेएसएससी अपनी वेबसाइट पर 10 दिनों में अपलोड कर देगा। जेएसएससी ने वेबसाइट पर सभी विषयों की राज्य स्तरीय मेरिट लिस्ट जारी करने की बात कही थी। जिस पर कोर्ट ने जेएसएससी को निर्देश दिया था कि वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक प्रतियोगिता परीक्षा 2016 की राज्य स्तरीय मेरिट लिस्ट जारी करे। मामले में मीना कुमारी समेत सात याचिकाओं की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने पूर्व में कहा था कि इससे संबंधित सोनी कुमारी की अवमानना याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य स्तरीय मेरिट लिस्ट बनाकर हाईस्कूल में शिक्षकों की नियुक्ति करने का निर्देश दिया था। वर्ष 2016 के नियुक्ति विज्ञापन के आधार पर सरकार को हाई स्कूल शिक्षकों के 17786 रिक्त पदों को भरने का निर्देश दिया था। दरअसल, मीना कुमारी एवं अन्य की ओर से याचिकाएं दाखिल की गई थीं। इसमें कहा गया है कि वर्ष 2016 में जो हाईस्कूल शिक्षक की नियुक्ति का विज्ञापन निकला था, उसके आलोक में उनकी भी नियुक्ति होनी चाहिए। क्योंकि कट ऑफ से ज्यादा मार्क्स उन्होंने लाया है, अगर हाईस्कूल शिक्षकों की रिक्तियां बची हैं तो उनकी भी नियुक्ति होनी चाहिए।
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