बांग्लादेशी घुसपैठ पर हाईकोर्ट में सुनवाई टली, अब 13 नवंबर को
केंद्र और राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर होने की जानकारी कोर्ट को दी, दोनों ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद ही सुनवाई करने का आग्रह किया
रांची। विशेष संवाददाता बांग्लादेशी घुसपैठ के खिलाफ हाईकोर्ट में मंगलवार को सुनवाई टल गई। अब इस मामले की सुनवाई 13 नवंबर को निर्धारित की गई है। मंगलवार को राज्य सरकार और केंद्र सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि झारखंड हाईकोर्ट के 20 सितंबर के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की है, जिसमें दोनों सरकारों को बैठक कर फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाने का निर्देश दिया गया था। केंद्र सरकार की ओर से बताया गया कि 30 सितंबर को झारखंड के मुख्य सचिव और केंद्रीय गृह सचिव के बीच कमेटी को लेकर बैठक हुई थी, लेकिन इस पर सहमति नहीं बन सकी। सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई पूरी होने के बाद ही इस मामले की सुनवाई की जाए। इसके बाद चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव और जस्टिस आर मुखोपाध्याय की अदालत ने दोनों के आग्रह को स्वीकार करते हुए सुनवाई 13 नवंबर को निर्धारित कर दी।
पिछली सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से कहा गया था कि झारखंड के संताल इलाके में बड़े पैमाने पर घुसपैठ हुई है। इलाके की डेमोग्राफी बदल गई है। आदिवासी आबादी कम हुई है और मुस्लिम आबादी बढ़ गई है। वहीं, राज्य सरकार की ओर से घुसपैठ से इनकार किया गया था और कहा गया था कि इलाके में किसी प्रकार की घुसपैठ नहीं है। इस पर अदालत ने केंद्र और राज्य सरकार को बैठक कर एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाने का निर्देश दिया था, ताकि इसका पता लगाया जा सके कि घुसपैठ हुई है या नहीं। अदालत ने इसके लिए दोनों सरकारों को कमेटी के सदस्यों का नाम 30 सितंबर तक कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया था।
बता दें कि दानियल दानिश ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि संताल में ट्राइबल की आबादी 42 फीसदी से घटकर 28 फीसदी हो गई है। पाकुड़ एवं साहिबगंज में वर्ष 2011 तक मुस्लिम समुदाय की आबादी करीब 35% बढ़ गई है। वहीं, पूरे संताल परगना में मुस्लिम समुदाय की आबादी वर्ष 2011 तक 13% बढ़ गई थी।
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