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झामुमो देखना चाहे तो घुसपैठ साफ दिखेगा : प्रतुल शाहदेव

तुष्टिकरण और वोट बैंक के चश्मे को उतार कर देखे झामुमो, 2021 में केंद्र ने राज्य सरकार को घुसपैठिए की सूची सौंपी थी

Newswrap हिन्दुस्तान, रांचीFri, 13 Sep 2024 02:12 PM
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रांची, हिन्दुस्तान ब्यूरो। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने झारखंड मुक्ति मोर्चा को नसीहत दी कि वह तुष्टिकरण और वोट बैंक के चश्मे को खोलकर अगर केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय के उप सचिव के द्वारा दायर किए गए उच्च न्यायालय के हलफनामे को पढ़ेगा तो उसे घुसपैठ के विषय में सारा कुछ स्पष्ट हो जाएगा। प्रतुल ने कहा सिर्फ तुष्टिकरण की राजनीति के कारण झामुमो सच्चाई से इंकार कर रहा है। प्रतुल ने कहा कि केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय के उप सचिव के द्वारा उच्च न्यायालय में दिए हलफनामे के प्वाइंट नंबर 35 में स्पष्ट लिखा है कि झारखंड के संताल परगना के 6 जिलों में घुसपैठ पाकुड़ और साहिबगंज के इलाके से हुई, जो पश्चिम बंगाल से होते हुए बांग्लादेश से नजदीक का इलाका है। इसी में यह भी लिखा है कि इन सीमावर्ती जिलों में बड़ी संख्या में मदरसे बनाए गए हैं। प्रतुल ने कहा कि केंद्र सरकार के इसी हलफनामे में वर्णित है कि 2021 में केंद्र ने राज्य सरकार को दो बार पत्र लिखकर 203 और एक बार 145 घुसपैठिए की सूची सौंपी थी। केंद्र ने राज्य को इस पर कार्रवाई करने को भी कहा था, मगर राज्य सरकार उसको दबा कर बैठ गई। प्रतुल ने कहा कि हेमंत सोरेन राजधर्म नहीं निभा रहे हैं, सिर्फ वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं।

राम मंदिर के स्वरूप के बन रहे पंडाल पर आपत्ति क्यों

प्रतुल ने कहा कि धुर्वा के पुराने विधानसभा मैदान में राम मंदिर के स्वरूप के बन रहे पंडाल को लेकर सरकार जबरदस्ती तनाव उत्पन्न कर रही है। 500 वर्ष बाद रामलला अयोध्या में विराजमान हुए हैं और अगर राम मंदिर के स्वरूप का भव्य पंडाल बन रहा है तो इस पर सरकार को आपत्ति क्यों? राम मंदिर स्वरूप पंडाल हिंदुस्तान में नहीं तो क्या पाकिस्तान में बनेगा? प्रतुल ने यह भी कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा पाकिस्तान से आए मुसलमान के लिए किस आधार पर हक मांग रहा है? सीएए कानून के तहत इस्लामिक राष्ट्रों में जो पीड़ित अल्पसंख्यक थे, उनको नागरिकता देने का प्रावधान था। वहां हिंदू, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन, पारसी जरूर प्रताड़ित रहे हैं और इनको नागरिकता और हक देने का प्रावधान किया गया है।

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