रांची जमीन घोटाले के नेटवर्क का खुलासा, 48 बैंक खातों को कराया फ्रीज; ईडी ने जांच में क्या पाया
- ईडी ने रांची पीएमएलए कोर्ट को अवगत कराया है कि जमीन घोटाले के आरोपी शेखर कुशवाहा एवं उसके रिश्तेदारों के 48 बैंक खातों में पड़े 3 करोड़ 31 लाख 96 हजार 494 रुपये को फ्रीज करवाया है।
ईडी ने रांची पीएमएलए कोर्ट को अवगत कराया है कि जमीन घोटाले के आरोपी शेखर कुशवाहा एवं उसके रिश्तेदारों के 48 बैंक खातों में पड़े 3 करोड़ 31 लाख 96 हजार 494 रुपये को फ्रीज करवाया है। ईडी ने यह तथ्य जमीन घोटाला मामले में मनी लाउंड्रिंग के तहत जांच के आधार पर कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया है।
शेखर कुशवाहा को ईडी ने गाड़ी मौजा की 4.83 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा कर, फर्जी कागजात के आधार पर खरीद-बिक्री मामले में गिरफ्तार किया था। वह वर्तमान में जेल में है। ईडी ने रांची के सदर थाने में एक जून 2023 को बड़गाईं अंचल के तत्कालीन राजस्व उप निरीक्षक पर दर्ज प्राथमिकी मामले में केस दर्ज किया था। इसी केस में अनुसंधान के क्रम में जमीन घोटाले के बड़े नेटवर्क का खुलासा किया था।
सहयोगी अविनाश कुमार के बैंक खाते का भी उपयोग करता था
ईडी को छानबीन में यह भी पता चला है कि शेखर कुशवाहा मनी लाउंड्रिंग के लिए अपने सहयोगी अविनाश कुमार के बैंक खाते का भी उपयोग करता था। पूर्व में शेखर कुशवाहा के ठिकाने से 10.07 लाख रुपये नकदी भी जब्ती की गई थी। बाद में 12 जून को उसे गिरफ्तार किया गया था।
इन आरोपितों पर दाखिल चार्जशीट पर भी संज्ञान
पिछले दिनों आरोपित शेखर प्रसाद महतो उर्फ शेखर कुशवाहा, उसके सहयोगी जमीन दलाल बरियातू हाउसिंग कॉलोनी निवासी कुमार राजर्शि उर्फ रौनक सिंह व बरियातू के रानी बगान निवासी विजेंद्र सिंह पर दाखिल चार्जशीट पर पीएमएलए कोर्ट ने संज्ञान ले लिया है।
ईडी ने जांच में क्या पाया
1. ईडी के अनुसंधान में यह उजागर हुआ कि 4.83 एकड़ जमीन 37.10 एकड़ जमीन का हिस्सा है।
2. महतो से संबंधित 37.10 एकड़ जमीन कैथोलिक क्रेडिट को-आपरेटिव सोसाइटी से मंगल महतो व कैला महतो ने डीड नंबर 2660 से 1939 में खरीदी थी।
3. महतो से संबंधित इस जमीन को सामान्य श्रेणी को स्थानांतरित नहीं किया जा सकता। इसके बावजूद भानु प्रताप प्रसाद ने सद्दाम हुसैन, अफसर अली, विपिन सिंह, तापस घोष व अन्य के साथ मिलकर 4.83 एकड़ जमीन के लिए फर्जी मालिक समरेंद्र चंद्र घोषाल को बनाया।
4. पंजी टू के जिस पन्ने पर यह फर्जीवाड़ा किया गया, उसपर पहले से जितुआ भोक्ता व तेतरा भोक्ता का नाम था। उस नाम के स्थान पर समरेंद्र चंद्र घोषाल व जितेंद्र चंद्र घोषाल का नाम चढ़ाया गया था।
5. इसके बाद उक्त जमीन को सामान्य बनाकर बेचने लायक बनाया गया। इसके बाद इस जमीन को बेचा गया।
6. 18 नवंबर 2021 को इस जमीन में से दो एकड़ जमीन का इकरारनामा शेखर कुशवाहा, प्रियरंजन सहाय, नेपाल महतो के जमीन मालिक गबेश्वर महतो, दिलेश्वर महतो, दिलनाथ महतो, राजनारायण महतो और जितेंद्र महतो के साथ हुआ। ये कैला महतो व मंगला महतो के उत्तराधिकारी हैं। इसके लिए उन्हें 40 लाख रुपये का भुगतान हुआ, जिसमें 20 लाख रुपये शेखर महतो ने दिया। शेष राशि जमीन दलाल प्रियरंजन सहाय व अन्य ने दिया।
फर्जी कागजात पर जमीन की खरीद-बिक्री की ईडी
ईडी ने कोर्ट को बताया है कि रांची में सरकारी अधिकारियों-कर्मिचारियों और जमीन दलालों का एक सिंडिकेट जमीन के मूल दस्तावेज में हेराफेरी कर, जमीन की प्रकृति बदलकर, रैयत का नाम बदलकर जमीन पर कब्जा किए और बड़े पैमाने पर जमीन के फर्जी कागजात पर जमीन की खरीद-बिक्री की। पीएमएलए कोर्ट एक-एक कर सभी आरोपितों को नोटिस भेजकर उनका पक्ष ले रहा है।