Hindi Newsझारखंड न्यूज़पाकुड़Jitiya Vrat Women Observe Nirjala Fast for Child Safety on September 25

संतान सलामती का व्रत जितिया 25 को, महिलाएं रखेंगी निर्जला उपवास

जितिया व्रत 25 सितंबर को मनाया जाएगा, जिसमें महिलाएं संतान की सलामती के लिए निर्जला उपवास रखेंगी। 24 सितंबर को नहाए खाए से व्रत की शुरुआत होगी। इस दिन महिलाएं सूर्योदय से पहले फल और मिठाई का सेवन...

Newswrap हिन्दुस्तान, पाकुड़Mon, 23 Sep 2024 02:23 AM
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पाकुड़, प्रतिनिधि। संतान की सलामती के लिए महिलाएं रखेंगे निर्जला उपवास जितिया व्रत 25 सितंबर को मनाया जाएगा। यह व्रत आश्विन मास के कृष्ण अष्टमी पर किया जाता है। 24 सितंबर को नहाए खाए के साथ व्रत की शुरुआत होगी और 25 सितंबर को महिलाएं पूरे दिन निर्जल उपवास रखेंगी। 26 सितंबर की सुबह महिलाएं व्रत का पारण करेगी। जितिया को लेकर बाजार में चहल-पहल शुरू हो चुकी है। जितिया पर बांधा जाने वाला धागा व फलों की बिक्री जोरों पर है। जितिया व्रत को जीवित्पुत्रिका के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि श्रद्धाभाव से इस व्रत को रखने से संतान के जीवन में आ रही सभी बाधाएं दूर हो सकती हैं। इतना ही नहीं, इस व्रत को लेकर यह भी कहा जाता है कि जो भी महिला इस व्रत को करती है उसे कभी संतान वियोग का सामना नहीं करना पड़ता।

जितिया व्रत के दिन महिलाएं ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान-ध्यान करती हैं। व्रत के दिन सूर्योदय से पहले फल, मिठाई, चाय, पानी आदि का सेवन किया जा सकता है। इसके बाद अगले दिन सूर्योदय तक निर्जला व्रत किया जाता है। इस पर्व पर ओठगन बनाने का भी प्रचलन है। इस दौरान चावल, मरुवा की रोटी, तोरई, रागी और नोनी का साग खाने का प्रचलन है। जितिया व्रत पर भगवान जीमूतवाहन की पूजा का विधान है, जो असल में एक गंधर्व राजकुमार थे। एक पौराणिक कथा के अनुसार, राजा जीमूतवाहन ने अपने साहस और सूझबूझ से एक मां के बेटे को जीवनदान दिलाया था। तभी से उन्हें भगवान के रूप में पूजा जाने लगा और माताएं अपनी संतान की रक्षा के लिए जीवित पुत्रिका नामक व्रत रखने लगी।

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