सीपीएम ने भारत- पाक के बीच सीजफायर का किया स्वागत
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के बीच, सीपीएम के संजय पासवान ने सीजफायर की घोषणा का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि युद्ध विराम अच्छी बात है, लेकिन अमेरिका की मध्यस्थता चिंताजनक है। मोदी सरकार की...

कोडरमा संवाददाता भारत- पाक में तनाव के बीच दोनों देशों द्वारा सीजफायर की घोषणा का सीपीएम के राज्य सचिवमंडल सदस्य संजय पासवान ने स्वागत किया है। उन्होंने कहा है कि युद्ध विराम की घोषणा अच्छी और स्वागतयोग्य कदम है। लेकिन अमेरिका द्वारा इसके लिए की गयी मध्यस्थता की खबर चिंताजनक है। आजादी के बाद से लेकर आज तक चाहे कश्मीर का सवाल हो या पाकिस्तान अथवा किसी भी और देश के साथ सीमा विवाद का प्रश्न भारत की यह नीति रही है कि वह किसी भी तीसरी शक्ति के हस्तक्षेप या भूमिका को स्वीकार नहीं करेगा। पहलगाम के जघन्य और निंदनीय आतंकी हमले के बाद की घटना विकास में अमेरिका द्वारा चौधरी बनने की कोशिश इस नीति के विपरीत है।
प्रधानमंत्री को इस बारे में स्थिति साफ़ करना चाहिए। भारत की जनता अमेरिकी मध्यस्थता को कभी स्वीकार नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि पहलगाम में कायराना आतंकी हमले के मुजरिमों को सजा दिलाने के लिए पूरा देश एकजुट है। सारे विपक्षी दलों ने भी इस मुद्दे पर पूरी तरह सरकार का साथ दिया। लेकिन केंद्र सरकार इसके प्रति गंभीर नहीं है। आतंकवाद के मुद्दे पर दो बार सर्वदलीय बैठक हुई। लेकिन दोनों बैठकों में प्रधानमंत्री का अनुपस्थिति रहना, सरकार की गंभीरता को कम करता है। यह गैरजिमेदारी की बात है कि देश पर इतने गंभीर संकट और हमले के बाद हुई सर्वदलीय बैठक में शामिल होने और देश की अगुआई करने के बजाय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बिहार की चुनावी सभा में भाग लेना जरूरी समझा। जबकि दूसरी बैठक में भी शामिल होने के बजाय वे अन्य व्यावसायिक घरानों के समारोहों में शामिल होने में अपनी प्राथमिकता को दर्शाया। यह देश की अखंडता और एकता के प्रति देशवासियों की भावनाओं का अपमान जैसा है। उन्होंने कहा कि देश की वास्तविक एकता बनाने और मजबूत करने का काम मेहनतकश मजदूर किसान ही कर सकते हैं।
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