झारखंड के पारा शिक्षकों को झटका, हाई कोर्ट ने क्वालिफाइंग मार्क्स में मिलने वाली छूट को किया रद्द
- सहायक आचार्य नियुक्ति के लिए प्रयासरत राज्य के पारा शिक्षकों को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट द्वारा शुक्रवार को पारा शिक्षकों को क्वालिफाइंग मार्क्स में छूट देने के प्रावधान को रद्द कर दिया गया।
सहायक आचार्य नियुक्ति के लिए प्रयासरत राज्य के पारा शिक्षकों को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने शुक्रवार को पारा शिक्षकों को क्वालिफाइंग मार्क्स में छूट देने के प्रावधान को रद्द कर दिया। चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव और जस्टिस दीपक रोशन की अदालत ने इस मामले में 11 दिसंबर को सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख परिणाम पर रोक लगा दी थी। राज्य के सरकारी स्कूलों में 26001 पदों पर नियुक्ति के लिए नियुक्ति परीक्षा ली गई है।
इस संबंध में कृष्णचंद्र हलधर समेत अन्य ने नई नियमावली को चुनौती दी थी। प्रार्थियों की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि सरकार ने सहायक आचार्य प्रोन्नति नियमावली 2022 को संशोधित करते हुए वर्ष 2024 में नई नियमावली बनाई थी, जिसमें क्वालिफाइंग मार्क्स लाने में पारा शिक्षकों को छूट दी गई है। पूर्व की नियमावली में सभी को 30 प्रतिशत क्वालिफाइंग मार्क्स लाने के बाद ही अन्य विषयों की उत्तरपुस्तिका की जांच का नियम था, लेकिन नई नियमावली में ऐसा नहीं है। यह पूरी तरह से गलत है। कोर्ट से नई नियमावली को असंवैधानिक करार देते हुए रद्द करने का आग्रह किया गया था। 2024 में बनाई गई नई नियमावली में छूट का प्रावधान था, एक ही परीक्षा में अलग नियम को दी गई थी कोर्ट में चुनौती
13000 पदों पर सीधे समायोजन की मांग
झारखंड प्रदेश सहायक अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष संजय कुमार दुबे ने मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से 20-25 साल से सेवा कर रहे सहायक अध्यापकों पर आचार्य नियमावली की बाध्यता समाप्त कर 13000 पदों पर सीधे समायोजन करने की मांग की है।
कोर्ट के फैसले से प्रभावित हो सकता है परिणाम
कोर्ट के फैसले के बाद सहायक आचार्य नियुक्ति परीक्षा का परिणाम भी प्रभावित होगा। नियुक्ति परीक्षा में आधे यानी 13 हजार पद पारा शिक्षकों के लिए आरक्षित हैं। इसमें से 11,670 शिक्षक पात्रता परीक्षा पास पारा शिक्षक हैं। न्यूनतम अंक लाने में छूट नहीं मिलने से इन्हें नुकसान हो सकता है। परीक्षाओं में शामिल हुए थे। अब अगर न्यूनतम अंक होने से जिन पारा शिक्षकों का अंक इससे कम होगा वे परीक्षा में पास नहीं हो सकेंगे। ऐसे में पारा शिक्षकों के लिए आरक्षित सीट पहले ही पूरी नहीं भर रही थी, अब और ज्यादा खाली होने की भी संभावना लग रही है।
पारा शिक्षकों को भी लाना होगा क्वालिफाइंग मार्क्स
सहायक आचार्य नियुक्ति परीक्षा में गैर पारा कोटा के अभ्यर्थियों को न्यूनतम 30 प्रतिशत अंक लाने का प्रावधान है, जबकि पारा शिक्षकों को परीक्षा में सिर्फ उपस्थित होने का प्रावधान किया गया था। कोर्ट द्वारा छूट का प्रावधान रद्द करने से अब पारा शिक्षकों को भी क्वालिफाइंग अंक लाना होगा।
सीटेट पर नहीं आया फैसला
सहायक आचार्य नियुक्ति परीक्षा में सीटेट पास अभ्यर्थी भी शामिल हुए हैं सुप्रीम कोर्ट में फैसला अभी लंबित है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर लाभ मिलना या नहीं मिलता तय होगा। संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही इस पर फैसला आएगा।