हेमंत सोरेन को हाईकोर्ट से मिली राहत, अदालत में हाजिर होने पर रोक बरकरार
- मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को झारखंड हाईकोर्ट से मिली राहत 16 जनवरी 2025 तक बरकरार रहेगी। जस्टिस अनिल कुमार चौधरी की अदालत ने ईडी को 16 जनवरी को जवाब देने के निर्देश के साथ हेमंत सोरेन के एमपी-एमएलए कोर्ट में हाजिर होने पर रोक को बरकरार रखा।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को झारखंड हाईकोर्ट से मिली राहत 16 जनवरी 2025 तक बरकरार रहेगी। जस्टिस अनिल कुमार चौधरी की अदालत ने ईडी को 16 जनवरी को जवाब देने के निर्देश के साथ हेमंत सोरेन के एमपी-एमएलए कोर्ट में हाजिर होने पर रोक को बरकरार रखा।
हेमंत सोरेन ने एमपी-एमएलए कोर्ट के हाजिर होने के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। हेमंत सोरेन के खिलाफ ईडी ने समन के आदेश का अनुपालन नहीं करने को लेकर अदालत में शिकायतवाद दर्ज करायी है। इस पर एमपी-एमएलए कोर्ट ने संज्ञान लिया है। ईडी की ओर से समन की अवहेलना मामले में सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ शिकायतवाद सीजेएम कोर्ट में दाखिल किया गया था।
सीजेएम कोर्ट ने मामले में संज्ञान लेते हुए हेमंत सोरेन को हाजिर होने का आदेश दिया था। लेकिन, वह कई तिथियों पर सीजेएम कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए थे। बाद में यह मामला एमपी-एमएलए कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया गया। लेकिन, हेमंत सोरेन एमपी/ एमएलए के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी सार्थक शर्मा की कोर्ट में अब तक पेश नहीं हुए हैं।
यह भी जानिए: चुनाव में भड़काऊ भाषण मामले में निशिकांत की राहत बरकार
वहीं भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ दुमका कोर्ट में चल रहे ट्रायल पर हाईकोर्ट की रोक बरकरार है। हाईकोर्ट ने सोमवार को रोक बरकरार रखते हुए मामले की सुनवाई छह जनवरी को निर्धारित की। निशिकांत पर वर्ष 2019 के चुनाव में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी। इसका ट्रायल भी निचली अदालत में शुरू हो गया था। निशिकांत ने प्राथमिकी और निचली अदालत में कार्यवाही रद्द करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। पूर्व में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने निचली अदालत में चल रही सुनवाई पर रोक लगा दी थी।