आतंकवाद का हाइब्रिड मॉडल और उसका हाइब्रिड इलाज जरूरी: के.पी. शर्मा
हजारीबाग में प्रोफेसर के.पी. शर्मा ने आतंकवाद को हाइब्रिड मॉडल बताया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद केवल शारीरिक हिंसा नहीं, बल्कि मानसिक और सामाजिक स्तर पर भी है। उन्होंने हाइब्रिड रणनीति अपनाने की वकालत...

हजारीबाग, वरीय संवाददाता। आतंकवाद के बदलते स्वरूप और उसके समाधान पर विचार रखते हुए यूनिवर्सिटरी प्रोफेसर रहे के.पी. शर्मा ने आतंकवाद को एक हाइब्रिड मॉडल बताया है और इसके इलाज के लिए भी हाइब्रिड रणनीति अपनाने की वकालत की है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद केवल शारीरिक हिंसा तक सीमित नहीं है, बल्कि मानसिक, वैचारिक और सामाजिक स्तर पर भी इसकी गहरी जड़ें हैं। प्रोफेसर शर्मा के अनुसार, आतंकवाद पहले लोगों के दिमाग में उपजता है और फिर उसे योजनाबद्ध तरीके से हिंसक कार्यों के लिए तैयार किया जाता है। आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक बहानों के जरिये युवाओं के मन को प्रदूषित किया जाता है और फिर उन्हें आतंकवादी गतिविधियों में धकेल दिया जाता है। उन्होंने कहा कि कथित गुरु या फील्ड वर्कर कमजोर और असहाय युवाओं का ब्रेनवॉश कर उन्हें अपने एजेंडे का साधन बना लेते हैं।
प्रोफेसर शर्मा ने यह भी स्वीकार किया कि आज समाज बंटा हुआ है और एक-दूसरे के प्रति अविश्वास और विरोध की भावना पनप रही है, जो अंततः आतंकवाद को खाद-पानी देती है। उन्होंने बताया कि आतंकवाद का उद्देश्य अब धार्मिक कम और राजनीतिक, सामाजिक तथा आर्थिक अधिक हो गया है। पाकिस्तान समेत कई देशों के नेताओं ने भी इसे स्वीकार किया है।
उन्होंने कहा कि जिस तरह आतंकवाद का विकास एक हाइब्रिड मॉडल्र में हुआ है, उसी तरह इसका समाधान भी हाइब्रिड रणनीति से ही संभव है। भारत, इजरायल जैसे देशों को इस दिशा में मिलकर काम करना चाहिए।
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