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रात के अंधेरे में की थी टांगी से प्रहार कर हत्या, न्यायालय से सुनाई आजीवन कारावास की सजा

हजारीबाग सिविल कोर्ट ने हत्या के मामले में दोषी प्रकाश मरांडी को आजीवन कारावास और पांच हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई। मामले में मृतक वासुदेव मांझी के पुत्र के बयान पर केस दर्ज हुआ था। अभियोजन और...

Newswrap हिन्दुस्तान, हजारीबागWed, 28 Aug 2024 08:07 PM
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हजारीबाग। हजारीबाग सिविल कोर्ट में मंगलवार को हत्या के एक मामले में सुनवाई करते हुए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सत्य प्रकाश सिन्हा ने दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुना दी। यह सजा प्रकाश मरांडी को सुनाई गई है। कोर्ट ने उसे भारतीय दंड विधान की धारा 302 के तहत आजीवन कारावास और पांच हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई है। जुर्माना की राशि अदा नहीं करने पर उसे एक माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगतना होगा। दोषी पर मृतक वासुदेव मांझी की हत्या टांगी से वार करने को कोर्ट ने सही पाया। यह मामला मृतक वासुदेव मांझी के पुत्र मोहन मांझी जो विष्णुगढ़ थाना अंतर्गत ग्राम खिजुरबेड़ा का रहने वाला है के फर्द बयान के आधार पर विष्णुगढ़ थाना में कांड संख्या 163/2022 दर्ज किया गया था। जिसमें उसने आरोप लगाया था कि दिनांक 19.08.2022 को जब सभी लोग घर में सोए हुए थे। इसी बीच रात के एक बजे दोषी प्रकाश मरांडी उसके पिता की सर पर टांगी से वार कर भाग रहा था। इसी बीच उसकी मां ने उसे देख लिया। इसके बाद हो हल्ला करने पर घर के सभी लोग जाग गए। इसके बाद सूचक ने अपने पिता को जख्मी हालत में लेकर नजदीक के अस्पताल गया। जहां से उसे रांची रिम्स रेफर कर दिया गया। जहां उसके पिता की मृत्यु दिनांक 21.08.2022 को हो गई।

इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से अब लोग अभी हो जाए मनोज कुमार झा ने अपना पक्ष पूरी मजबूती से के साथ रखते हुए आठ अभियोजन गवाहों का बयान कोर्ट के समक्ष अंकित कराया। वहीं नौ प्रदर्श भी कोर्ट के समक्ष अंकित कराए। बचाव पक्ष ने भी अपना पक्ष पूरी मजबूती के साथ रखा बाद में कोर्ट ने दोनों पक्षों की तर्कों व दलीलों को सुनने के बाद यह फैसला सुनाया। यह मामला सत्रवाद संख्या 391/23 से संबंधित है। इस मामले में जुर्माने की राशि मृतक की पत्नी को देने का आदेश दिया गया है। साथ ही निर्णय की निःशुल्क प्रति दोषी को दी जाएगी। इस मामले में न्यायालय ने स्पीडी ट्रायल चलाते हुए यह फैसला सुनाया।

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