भवनाथपुर बाजार में बेतरतीब वाहन पड़ाव से लगती है जाम
भवनाथपुर, केतार, हरिहरपुर और खरौंधी प्रखंड का प्रमुख व्यवसायिक केंद्र है। 58 वर्षों के बाद भी यहां मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। बस स्टैंड, पार्किंग और ट्रैफिक पुलिस की कमी के कारण अक्सर जाम की...
भवनाथपुर, प्रतिनिधि। भवनाथपुर, केतार, हरिहरपुर और खरौंधी प्रखंड क्षेत्र का भवनाथपुर प्रमुख व्यवसायिक केंद्र है। प्रखंड को अस्तित्व में आए 58 साल गुजर गए। उसके बावजूद यहां मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है। प्रखंड में आज तक बस स्टैंड नहीं बन सका। न ही पार्किंग की कोई व्यवस्था है और न ही ट्रैफिक पुलिस की। बाजार के बीचोंबीच मुख्य सड़क पर बस खड़ा होने और दुकान लगा देने से सड़क संकरी हो जाती हैं। उससे अक्सर जाम स्थिति बनी रहती है। बाजार में जहां बस खड़ी होती है वहां यात्रियों के लिए किसी प्रकार की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है। न तो यात्री शेड है, न ही पीने का पानी न तो शौचालय की सुविधा ही है। जाम के कारण कई बार तो सड़क पर पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। जाम की स्थिति तब और भी विकराल हो जाती है जब कोई पर्व अथवा साप्ताहिक बाजार आता है। आने वाले दिनों में दशहरा सहित अन्य पर्व सामने आने वाला है। चार प्रखंड क्षेत्र का प्रमुख व्यवसायिक क्षेत्र होने के कारण पूजन सामग्री, कपड़े, आभूषण सहित अन्य सामानों की खरीदारी के लिए काफी संख्या में लोग आते हैं।
जाम से मुक्ति के लिए शुरू हुई पहल रही बेअसर
चार साल पहले तत्कालीन बीडीओ सह सीओ विशाल कुमार और थाना प्रभारी गुप्तेश्वर तिवारी ने भवनाथपुर में जाम से मुक्ति दिलाने की पहल की थी। सड़क पर बस और टेंपो के बेतरतीब तरीके से खड़ा रहने के कारण जाम की स्थिति रहती थी। उससे निपटने के लिए बस स्टैंड को मुख्य बाजार से थोड़ी दूर पहाड़ी शिव मंदिर के सामने खाली पड़ी जगह पर और उसी स्थान पर नगर ऊंटारी और खरौंधी क्षेत्र की ओर जानेवाली कमांडर और टेंपो का स्टैंड बनाया गया था। वहीं केतार-तोरेलावा की ओर जाने वाली टेंपो स्टैंड को कर्पूरी चौक से बदलकर उससे थोड़ी दूर केतार रोड स्थित तालाब के पास कर दिया था। उससे बाजार में गाड़ियों के चलते लगनेवाली जाम से राहत भी मिली थी। यह व्यवस्था ज्यादा दिन नहीं चली और पदाधिकारियों के तबादला हो जाने के बाद व्यवस्था धराशायी हो गयी।
कई राज्यों से चती हैं बसें
भवनाथ सड़क किनारे बनी स्थायी बस पड़ाव से रांची, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ तक चलने वाली दर्जनों बड़ी बसें खुलती हैं। वहीं 200 से अधिक की संख्या में कमांडर, टेंपो सहित अन्य यात्री वाहनों का ठहराव होता है। हजारों कारोबारी प्रत्येक दिन भवनाथपुर आना जाना करते हैं। इसके बाद बाद भी बाजार क्षेत्र में सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई है।
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