डायरी में दर्ज थी झारखंड में शराब कारोबार पर कब्जे की पूरी प्लानिंग, हेमंत सोरेन के भाई को बताया गया दुश्मन
- एसीबी छतीसगढ़ की जांच में पाया गया कि छत्तीसगढ़ के शराब सिंडिकेट के द्वारा ही झारखंड में शराब के कारोबार पर कब्जा किया जा रहा था। राज्य में शराब कारोबार से राजस्व को भारी नुकसान हुआ।
एसीबी छतीसगढ़ की जांच में पाया गया कि छत्तीसगढ़ के शराब सिंडिकेट के द्वारा ही झारखंड में शराब के कारोबार पर कब्जा किया जा रहा था। राज्य में शराब कारोबार से राजस्व को भारी नुकसान हुआ। छतीसगढ़ के शराब सिंडिकेट के खिलाफ ईडी ने जांच शुरू की तो राज्य के तत्कालीन उत्पाद सचिव विनय कुमार चौबे और उत्पाद विभाग के अधिकारी गजेंद्र सिंह दो साल से ईडी के रडार पर आ गए थे।
डायरी में दर्ज थी पूरी प्लानिंग
ईडी ने पूर्व में रायपुर में राज्य के तीन अधिकारियों विनय कुमार चौबे, गजेंद्र सिंह एवं कर्ण सत्यार्थी से पूछताछ भी की थी। हालांकि, कर्ण की भूमिका पूरे मामले में नहीं थी, लेकिन दोनों अधिकारियों के खिलाफ कुछ साक्ष्य ईडी को मिले थे। वहीं, कारोबारी सिद्धार्थ सिंघानिया के द्वारा सिंडिकेट में बिचौलिए की भूमिका निभायी जा रही थी। उसकी डायरी से सिंडिकेट की कई चीजें उजागर हुईं थीं। इस डायरी में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के भाई बसंत सोरेन को मुख्य दुश्मन बताया गया था।
मंगलवार को भी ईडी ने कई अहम दस्तावेज एवं डिजिटल डिवाइस जब्त किए हैं। छत्तीसगढ़ के शराब सिंडिकेट के द्वारा शराब नीति में फेरबदल कर दो राज्यों में शराब कारोबार पर कब्जे को लेकर एसीबी छतीसगढ़ में 7 सितंबर को एफआईआर दर्ज की गई थी। एफआईआर में झारखंड के तत्कालीन उत्पाद विभाग के सचिव विनय कुमार चौबे, उत्पाद विभाग के संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह समेत अन्य अधिकारियों, छतीसगढ़ के आईएएस अधिकारी अनिल टूटेजा के साथ झारखंड में शराब की सप्लायी, मैन पॉवर और होलोग्राम बनाने वाली कंपनियों को भी आरोपी बनाया गया था। सिद्धार्थ सिंघानियां ने नए मैनपावर रखने के बजाय पुराने ठेकेदारों के अधीन शराब दुकानों में काम कर रहे लोगों को ही काम पर रखा। अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2018, धारा 420, 120 बी के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी।
राजस्व का हुआ नुकसान
जांच में पाया गया कि शराब सिंडिकेट की आपराधिक साजिश के कारण झारखंड में साल 2022-23 में राजस्व का भारी नुकसान हुआ। एसीबी छतीसगढ़ में शिकायत मिलने पर की गई आरंभिक जांच में पाया है कि नियम में फेरबदल कर शराब कंपनियों के मालिक से करोड़ों का कमीशन लिया गया।
हेमंत सोरेन के भाई को बताया गया दुश्मन
पूर्व में जांच के दौरान सिद्धार्थ सिंघानिया के कब्जे में डायरी मिली थी। इस डायरी में छतीसगढ़ की तरह झारखंड में शराब कारोबार में कब्जे की योजना दर्ज थी। इस डायरी में बसंत सोरेन और योगेंद्र तिवारी को मुख्य शत्रु बताया गया है, साथ ही पंजाब व हरियाणा से आने वाली शराब पर नियंत्रण की बात लिखी गई थी।