Hindi Newsझारखंड न्यूज़चाईबासाBholenath s self-manifested Shivling worshipped openly in Chhaibasa

परंपरा : खुले आसमान के नीचे भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक

चाईबासा में भगवान भोलेनाथ के स्वयंभू शिवलिंग की जलाभिषेक में भक्ति भाव से उनकी पूजा की जाती है। यहां पर भोलेनाथ के जलाभिषेक में गांव के लोग और शहर से आने वाले भक्त भाग लेते हैं।

Newswrap हिन्दुस्तान, चाईबासाMon, 5 Aug 2024 10:31 PM
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चाईबासा। अक्सर भगवान भोलेनाथ को मंदिरों में विराजमान कर वहां पर उनकी पूजा-अर्चना की जाती है पर सदर प्रखंड के सिंह पोखरिया के पास भगवान भोलेनाथ खुले आसमान के नीचे स्वयंभू शिवलिंग के रूप में विराजमान हैं। यहां पर श्रद्धालुओं के द्वारा भगवान भोलेनाथ का पूरे भक्ति भाव के साथ उनका जलाभिषेक किया जाता है और इस जलाभिषेक में उसके आसपास के परिधि क्षेत्र की अधिकांश गांव की महिलाएं पुरुष इस स्थल पर आकर भगवान भोलेनाथ की जलाभिषेक करते हैं और पास ही धान के खेत में माता पार्वती की पूजा-अर्चना इतने ही उत्साह और श्रद्धा भक्ति भाव के साथ करते हैं। अभी धान के खेतों में पानी लगा हुआ है फिर भी श्रद्धालु महिलाएं इन पानी से होकर जाकर उनकी भी पूजा-अर्चना करते हैं। श्रद्धालुओं का पूजा करवाने वाले पुजारी पंडित हीरालाल पति ने बताया कि यहां के भोले बाबा खुले आसमान के नीचे रहते हैं। जब से यहां पर इनका उद्भव हुआ है तब से लेकर अब तक खुले आसमान के नीचे यहां के लोग जलाभिषेक करते चले आ रहे हैं। हालांकि गांव के लोगों की सोच थी की स्वयंभू भगवान भोलेनाथ का एक मंदिर तैयार किया जाए उसके लिए बाकायदा दीवार भी तैयार किया गया लेकिन इन्हें खुले में रहना ज्यादा पसंद है। जब भी दीवार खड़ी हुई वह खराब होता टूट जाता था तो लोगों ने समझ लिया कि भगवान को खुले में ही रहना पसंद है और आज भी खुले में ही पूजा की जाती है। भोलेनाथ के इस जलाभिषेक में आसपास के गांव के लोग यहां पर जिला अभिषेक करने आते हैं इतना ही नहीं शहर से भी बहुत श्रद्धालु बड़ी संख्या में जाकर उन्हें जिला अभिषेक करते हैं और यह प्रक्रिया हर सोमवार को की जाती है और एक उत्सव जैसा माहौल वहां पर देखने को मिलता है।

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