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हिंदुस्तान ओलम्पियाड से प्रतिभा को लगेंगे पंख

चित्र परिचय: 11: ए एस गंवार: 12: सूरज शर्मा, 13: फादर रेजी वर्गीश, 14: मुकेश कुमार, 15:सौमेन चक्रवर्ती, 16: विश्वजीत पात्रा, 17:आमीर हुसैन, 18: अनुराध

Newswrap हिन्दुस्तान, बोकारोFri, 13 Sep 2024 05:28 PM
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बोकारो प्रतिनिधि शिक्षा के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे गतिविधियां भी स्कूलों में आयोजित होती हैं। इससे छात्रों तैयारी करने का एक अच्छा प्लेटफार्म मिलता है, इसमें उनकी प्रतिभाएं निखरती हैं। ऐसी छिपी प्रतिभाओं को निखारने के लिए एक बार फिर हिन्दुस्तान ओलंपियाड आगाज हो गया है। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में छात्र जुटे हुए हैं। उनकी प्रतिभाओं को निखारने के लिए आपके प्रिय समाचार पत्र हिन्दुस्तान द्वारा ओलंपियाड को शुरू किया है। इस बाबत बोकारो के विभिन्न विद्यालय के प्राचार्य के साथ हिन्दुस्तान डिजिटल संवाद किया गया। जिसमें उन्होंने इसे बेहतर प्रयास बताया।

प्राचार्य ने कहा-

विद्यालय स्तर पर छात्र-छात्राओं की प्रतिभा में निखार के लिए ओलंपियाड जैसे आयोजन काफी महत्वपूर्ण हैं। और इस दिशा में हिन्दुस्तान मीडिया का प्रयास अत्यंत ही सराहनीय है। एक ही ओलंपियाड में सभी प्रमुख विषयों की शैक्षणिक योग्यता का आकलन और विद्यार्थियों का प्रोत्साहन ‘हिन्दुस्तान ओलंपियाड की विशेषता है, जो इसे सबसे अलग और खास बनाता है।

ए एस गंगवार: डीपीएस प्राचार्य

हिंदुस्तान ओलम्पियाड ने छात्रों को प्रतियोगिता में हिस्सा लेने को लेकर एक अच्छा प्लेटफार्म दिया है। इससे बच्चों में प्रतिस्पर्द्धा बढ़ेगी। ओलम्पियाड के बहाने छात्र विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी भी करते हें। इस परीक्षा में शामिल होने से विभिन्न कक्षा के छात्र-छात्राओं को परीक्षा लिखने में काफी अनुभव मिलता है।

सूरज शर्मा: चिन्मया विद्यालय प्राचार्य

हिंदुस्तान ओलम्पियाड का आयोजन एक सराहनीय कदम है। इससे छात्रों को विभिन्न प्रतियोगिता की परीक्षा की तैयारी करने का मौका मिलता है। इस प्रतियोगिता से बच्चों में प्रतिस्पर्द्धा की भाावना जागूत होगी। हिंदुस्तान ओलम्पियाड का आयोजन करने से छात्रों को खुद का मुल्यांकन करने का भी अवसर प्रदान करता है।

फादर रेजी वर्गीश: एमजीएम स्कूल प्राचार्य

हिंदुस्तान आलम्पियाड परीक्षा एक प्लेटफार्म है। इससे जिले के विभिन्न स्कूल के छात्र-छात्राओं को इस स्पर्द्धा में हिससा लेने को मौका मिलता है। इससे छात्र-छात्राओं के बीच प्रतिस्पर्द्धा की भावना जागृत होती है। वस्तुनिष्ठ प्रश्न का उत्तर देने से उन्हें परीक्षा देने का भय भी समाप्त हो जाता है।

मुकेश कुमार: डा. राजेन्द्र प्रसाद पब्लिक स्कूल, प्राचार्य

आलम्पियाड परीक्षा से बच्चों को काफी एक्सपोजर मिलता है। इस परीक्षा में शामिल होने से छात्रों को वेराईटी प्रश्न को हल करने का मौका मिलता है। हिन्दुस्तान का यह प्रयास बच्चों के लिए बेहतर है।

सोमेन चक्रवर्ती: जीजीपीएस बोकारो प्राचार्य

बच्चों को प्रतियोगी बनाने के लिए हिन्दुस्तान ओलंपियाड जैसी प्रतियोगिता परीक्षाएं उनका सर्वागीण विकास करती हैं। समय समय पर प्रतियोगिता कराई जाए तो बच्चे मानसिक तौर पर मजबूत हो जाते हैं। धीरे-धीरे प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार हो जाते हैं।

विश्वजीत पात्रा, प्रााचार्य एआरएस पब्लिक स्कूल

शिक्षा के क्षेत्र में आज प्रतियोगी युग है। मौजूदा समय में छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रतिभाग करना चाहिए। हिन्दुस्तान ओलंपियाड जैसी परीक्षाएं बच्चों अंदर से मजबूत करती हैं। छात्र इन परीक्षाओं में जरूर प्रतिभाग करें, जिससे वह आगे बढ़ सकें।

आमीर हुसैन, प्राचार्य ओरिएंटल पब्लिक स्कूल

प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रतिभाग करने वाले छात्रों को ओलंपियाड में प्रतिभाग जरूर करना चाहिए, शिक्षा के डिजिटल युग में छात्रों के लिए ऐसी परीक्षाएं बहुत उपयोगी हैं। ओएमआर शीट पर सवाल पूछे जाते हैं तो इससे छात्रों को अनुभव काफी मिलता है।

अनुराधा सिंह, प्राचार्य डीएवी स्कूल सेक्टर 6

हिन्दुस्तान ओलंपियाड के माध्यम से छात्रों का बौद्धिक विकास होगा। इस परीक्षा में विषयवार प्रश्न सम्मिलित होते हैं। जिससे सभी विषयों का ज्ञान प्राप्त होता है। अभिभावकों को बच्चों को प्रतिभाग करने के लिए प्रेरित करना चाहिए।

सुधा शेखर प्राचार्य बोकारो पब्लिक स्कूल

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