चुनाव के बीच उमर अब्दुल्ला को सुप्रीम कोर्ट से आया बुलावा, अलग रह रहीं पत्नी भी तलब; क्या वजह?
- उमर ने तलाक की याचिका दायर करते हुए तर्क दिया था कि पायल के साथ उनकी शादी पूरी तरह से टूट चुकी है। उमर अब्दुल्ला और पायल अब्दुल्ला की शादी 01 सितंबर 1994 को हुई थी।
जम्मू और कश्मीर विधानसभा चुनावों के बीच राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उनकी अलग रह रहीं पत्नी पायल अब्दुल्ला को सुप्रीम कोर्ट ने पेश होने के लिए कहा है। दरअसल शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को उमर अब्दुल्ला और पायल अब्दुल्ला को सुप्रीम कोर्ट मध्यस्थता केंद्र में मध्यस्थता के लिए जाने का निर्देश दिया है।
लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, उमर ने तलाक की याचिका दायर करते हुए तर्क दिया था कि पायल के साथ उनकी शादी पूरी तरह से टूट चुकी है। उमर अब्दुल्ला और पायल अब्दुल्ला की शादी 01 सितंबर 1994 को हुई थी। वे वर्ष 2009 से अलग रह रहे हैं। उनके दो बेटे हैं। उमर ने 'क्रूरता' के आधार पर फैमिली हाईकोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया था। हालांकि, कोर्ट ने 30 अगस्त, 2016 को तलाक के लिए उनकी याचिका खारिज कर दी। कोर्ट के मुताबिक उमर यह साबित नहीं कर सके कि उनकी शादी में ऐसी कौन सी दरार आ गई थी जिसकी भरपाई नहीं की जा सकती।
उमर ने इसे दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी। दिसंबर 2023 में जस्टिस संजीव सचदेवा और विकास महाजन की खंडपीठ ने फैमिली कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा। दिल्ली उच्च न्यायालय ने 12 दिसंबर, 2023 को उमर अब्दुल्ला की तलाक की याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि उनकी अपील में कोई दम नहीं है। उच्च न्यायालय ने 2016 के पारिवारिक अदालत के उस आदेश को बरकरार रखा था, जिसमें पूर्ववर्ती जम्मू कश्मीर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल्ला की याचिका पर तलाक का आदेश देने से इनकार कर दिया गया था।
अब सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह उमर अब्दुल्ला की पत्नी पायल अब्दुल्ला से तलाक की मांग वाली याचिका पर विचार करेगा। न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने निर्देश दिया कि दोनों पक्ष सुप्रीम कोर्ट मध्यस्थता केंद्र में मध्यस्थता के लिए संयुक्त रूप से उपस्थित हों ताकि दोनों पक्षों के बीच समझौता हो सके। पिछली बार, अदालत ने उमर अब्दुल्ला की याचिका पर नोटिस जारी किया था और पायल अब्दुल्ला से जवाब मांगा था।
शुरुआत में, (उमर अब्दुल्ला की ओर से पेश हुए) वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा था कि दोनों पक्ष 15 साल से अलग-अलग रह रहे हैं। इस पर (पायल अब्दुल्ला की ओर से पेश) हुए वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान ने अदालत से कहा कि मध्यस्थता कम से कम एक बार तो आजमाई जानी चाहिए। सिब्बल ने बीच में हस्तक्षेप करते हुए कहा कि वे मध्यस्थता का सहारा ले सकते हैं, लेकिन यह समाधान के लिए है, सुलह के लिए नहीं।
नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में गंदेरबल विधानसभा क्षेत्र से अपनी किस्मत आजमाएंगे। यह पूर्व मुख्यमंत्री के लिए यू-टर्न है, उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश की विधानसभा सीट से चुनाव नहीं लड़ने की कसम खाई थी। नेकां ने पार्टी के 32 उम्मीदवारों की सूची जारी की, जिसमें गंदेरबल विधानसभा सीट के लिए उमर अब्दुल्ला का नाम भी शामिल है । अब्दुल्ला इस निर्वाचन क्षेत्र का विधानसभा में 2009 से 2014 तक प्रतिनिधित्व कर चुके हैं । तब वह नेकां-कांग्रेस गठबंधन सरकार के मुख्यमंत्री थे।
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