Hindi Newsजम्मू और कश्मीर न्यूज़Farooq Abdullah requested Modi government to protect Muslims action against communal forces calls Kashimiri Pandits back

मुस्लिमों को समुद्र में नहीं फेंक सकते, उनसे हो समान व्यवहार; उमराह से लौटे फारूक अब्दुल्ला की गुहार

नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष ने कहा कि कोई भी कश्मीरी पंडितों की घाटी में वापसी के खिलाफ नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘कश्मीरी पंडितों को वापस आने से कौन रोक रहा है? हर राजनीतिक दल ने कहा है कि उन्हें वापस आना चाहिए।

Pramod Praveen भाषा, श्रीनगरMon, 2 Dec 2024 08:20 PM
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नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने सोमवार को कहा कि केंद्र को देश में सांप्रदायिक तनाव पैदा करने वाली गतिविधियों पर रोक लगानी चाहिए और मुसलमानों के साथ समान व्यवहार करना चाहिए। अब्दुल्ला ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘(संभल जैसी घटनाएं) रोकने की जरूरत है। मैं केंद्र सरकार से कहूंगा कि वह (ऐसी हरकतें) रोके, क्योंकि वे (भारत के) मुसलमानों को समुद्र में नहीं फेंक सकते। वे 24 करोड़ मुसलमानों को कहां फेंकेंगे? मुसलमानों के साथ समान व्यवहार करें, यही हमारा संविधान कहता है। अगर वे संविधान के साथ छेड़छाड़ करेंगे तो भारत कैसे बचेगा।’’

नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष ने कहा कि कोई भी कश्मीरी पंडितों की घाटी में वापसी के खिलाफ नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘कश्मीरी पंडितों को वापस आने से कौन रोक रहा है? हर राजनीतिक दल ने कहा है कि उन्हें वापस आना चाहिए। यह उनका फैसला है कि वे कब वापस आना चाहते हैं। हमारे दिल उनके लिए खुले हैं। जब मैं मुख्यमंत्री था और स्थिति खराब थी, तब भी हमने उन्हें वापस लाने की कोशिश की थी।’’

जम्मू-कश्मीर में आरक्षण नीति की समीक्षा की मांग पर अब्दुल्ला ने कहा कि सरकार को इसकी समीक्षा करनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘हम सरकार से इसकी समीक्षा करने को कहेंगे। आरक्षण वंचित वर्गों के लिए है ताकि वे बराबरी के स्तर पर आ सकें।’’ नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेतृत्व वाली सरकार ने आरक्षण को युक्तिसंगत बनाने की मांगों पर विचार करने के लिए कैबिनेट की उप-समिति का गठन किया है। केंद्र शासित प्रदेश में आरक्षण की सीमा 70 प्रतिशत तक पहुंच गयी है।

आतंकियों के साथ कथित संबंधों के चलते पिछले सप्ताह उपराज्यपाल मनोज सिन्हा द्वारा दो सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त किए जाने के बारे में अब्दुल्ला ने कहा कि सरकार ‘‘हर चीज पर नजर रखेगी और यह पता लगाएगी कि दोनों कर्मचारियों को क्यों बर्खास्त किया गया।’’ नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष ने इजरायल-लेबनान के बीच हुए संघर्ष विराम का स्वागत किया, लेकिन गाजा, सीरिया और ईरान पर हमलों को भी रोकने का आह्वान किया।

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उन्होंने कहा, ‘‘यह (संघर्ष विराम) एक बहुत अच्छा कदम है, लेकिन इजराइल और अमेरिका द्वारा संयुक्त रूप से गाजा, सीरिया और ईरान में किए जा रहे हमलों को रोकना जरूरी है, जो आज भी जारी हैं। यह खतरनाक है। तुरंत संघर्ष विराम होना चाहिए।’’ अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘आपने (संयुक्त राष्ट्र) सुरक्षा परिषद में बहस देखी होगी। यदि सुरक्षा परिषद के अस्तित्व का कोई उद्देश्य है, तो उसे इजराइल को दिए गए निर्देशों पर काम करना चाहिए। उन्हें संघर्ष विराम लागू करना चाहिए और मानवीय सहायता की अनुमति देनी चाहिए।’’

हाल में ‘उमराह’ यात्रा से लौटे अब्दुल्ला ने कहा कि उन्होंने न केवल कश्मीर के लिए बल्कि पूरे मुस्लिम जगत के लिए प्रार्थना की। उन्होंने कहा, ‘‘आज हम जिन समस्याओं का सामना कर रहे हैं, अल्लाह हमें उनसे मुक्ति दिलाए। अल्लाह हमें सही रास्ते पर ले जाए। मैंने प्रार्थना की कि हम बुराई से दूर रहें और हमारे देश में फैली धार्मिक नफरत का अंत हो। मैंने एकता और सद्भाव के लिए प्रार्थना की।’’

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