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अफजल गुरु का भाई भी चुनावी समर में, पूर्व आतंकियों और अलगाववादियों ने बनाई पार्टी

  • जम्मू-कश्मीर में कई पूर्व आतंकी और अलगाववादी भी चुनावी समर में उतरने जा रहे हैं। इन लोगों ने सोमवार को एकजुट होकर एक नई पार्टी तहरीक-ए-अवाम के गठन का ऐलान किया। जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसकी शुरुआत 18 सितंबर से हो रही है।

Surya Prakash लाइव हिन्दुस्तानTue, 27 Aug 2024 04:03 AM
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लोकसभा चुनाव में पंजाब की दो सीटों से अमृतपाल सिंह समेत दो अलगाववादी सांसद चुने गए थे। इस ट्रेंड को लेकर चिंता भी जताई गई कि आखिर क्यों अलगाववादियों को चुनाव में जीत मिल गई, जबकि कांग्रेस, आप, भाजपा और अकाली दल समेत कई बड़ी पार्टियां मैदान में थीं। अब पंजाब की तर्ज पर जम्मू-कश्मीर में कई पूर्व आतंकी और अलगाववादी भी चुनावी समर में उतरने जा रहे हैं। इन लोगों ने सोमवार को एकजुट होकर एक नई पार्टी तहरीक-ए-अवाम के गठन का ऐलान किया। जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसकी शुरुआत 18 सितंबर से हो रही है।

जम्मू-कश्मीर में भी अलगाववादी राशिद इंजीनियर ने उमर अब्दुल्ला को लोकसभा चुनाव में हरा दिया था। तहरीक-ए-अवाम से जुड़ने वालों में से कई लोगों का कहना है कि हमने इस पार्टी का गठन इंजीनियर की सफलता को देखते हुए ही किया है। तहरीक-ए-अवाम से जुड़ने वाले प्रमुख लोगों में से एक नाम अफजल गुरु के भाई एजाज अहमद गुरु का भी है। अफजल गुरु को 2001 में हुए संसद पर आतंकी हमले के मामले में 2013 में फांसी दी गई थी। इसके अलावा एक और चर्चित नाम सरजन बरकती का है, जो फिलहाल श्रीनगर में जेल में बंद है।

उस पर हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद पत्थरबाजी की घटनाओं को अंजाम देने का आरोप है। कश्मीरी पाइड पाइपर के तौर पर जाना जाने वाला बरकती अगस्त 2023 से ही जेल में बंद है। इसके बाद नवंबर में ही उसकी पत्नी को भी टेरर फंडिंग के मामले में पकड़ा गया था। चर्चा है कि उसकी बेटी बरकती की उम्मीदवारी का ऐलान कर सकती है। अहम बात यह है कि ये अलगाववादी घाटी की कई सीटों पर नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस जैसे दलों का खेल भी बिगाड़ सकते हैं।

राशिद इंजीनियर के लिए किसने किया था प्रचार, उसका कितना असर

बारामूला के सांसद इंजीनियर राशिद फिलहाल दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं। उसने अपने बेटों के जरिए चुनाव प्रचार कराया था और 4.7 लाख वोट चुनाव में हासिल किए थे। यह एक बड़ा जनसमर्थन था, जो उसे बैलेट के जरिए मिला। उसके बाद से अलगाववादियों को लगता है कि घाटी में एक ऐसा वोट है, जो किसी मुख्यधारा के राजनीतिक दल की बजाय अलगाववादी तत्वों को मिल सकता है। इसी के चलते इन लोगों ने पार्टी के गठन का फैसला लिया। राशिद इंजीनियर की पार्टी का नाम अवामी इत्तेहाद पार्टी है। उसे भी मान्यता प्राप्त नहीं है, लेकिन इसके बैनर तले उसने भी कई उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया है। यही नहीं अपनी पार्टी के चीफ अल्ताफ बुखारी ने तो राशिद इंजीनियर के भाई शेख खुर्शीद और बेटे अबरार से मुलाकात की है और गठबंधन की संभावनाओं को लेकर बात की है।

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