Hindi Newsविदेश न्यूज़Yunus government tightened its grip against Sheikh Hasina another arrest warrant issued

शेख हसीना के खिलाफ यूनुस सरकार ने कसा शिकंजा, एक और गिरफ्तारी वारंट हुआ जारी

  • Bangladesh: बांग्लादेश में शेख हसीना के खिलाफ लगातार माहौल बनता जा रहा है। बांग्लादेशी कोर्ट ने अपदस्थ प्रधानमंत्री समेत उनके 10 और सहयोगियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है। कोर्ट ने अधिकारियों को आदेश दिया है कि हसीना समेत सभी को 10 फरवरी तक पेश करें।

Upendra Thapak लाइव हिन्दुस्तानMon, 6 Jan 2025 04:47 PM
share Share
Follow Us on

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार लगातार शेख हसीना के खिलाफ अपना पक्ष मजबूत करने में जुटी हुई है। हाल ही में बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध कोर्ट ने अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनके 10 अन्य सहयोगियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। बांग्लादेश में कथित छात्र आंदोलन के बाद शेख हसीना को बांग्लादेश छोड़कर भारत आना पड़ा था, 5 अगस्त 2024 के बाद से वह भारत में ही हैं।

डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक कोर्ट ने शेख हसीना समेत 10 और लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। इसमें पूर्व सरकार में रक्षा सलाहकार मेजर जनरल तारिक अहमद सिद्दीकी और पूर्व पुलिस आईजीपी बेनजीर अहमद शामिल है। इन सभी के ऊपर कथित तौर पर गैर-न्यायिक हत्याओं और जबरन गायब करने से संबंधित मामले दर्ज हैं और इन्ही को लेकर इनके खिलाफ वारंट इश्यू किया गया है।

बांग्लादेशी कोर्ट ने आदेश जारी करते हुए अधिकारियों से कहा कि शेख हसीना समेत बाकी अन्य लोगों को 12 फरवरी तक अदालत में पेश किया जाए। कोर्ट का यह आदेश एक प्रतीकात्मक आदेश ज्यादा है क्योंकि शेख हसीना इस वक्त भारत में रह रही हैं और ऐसे में उनका बांग्लादेश जाना या न जाना पूरी तरह से भारत सरकार पर निर्भर करता है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार एक बार पहले भी गिरफ्तारी वारंट के चलते भारत सरकार से शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग कर चुकी है। लेकिन भारत सरकार ने ऐसी किसी भी मांग को पूरा करने से इनकार कर दिया।

ये भी पढ़ें:हिंदुओं पर भारत से रार, अब सेना से बोले मोहम्मद यूनुस- युद्ध के लिए तैयार रहो
ये भी पढ़ें:दूरी बढ़ाने में जुटे यूनुस, ट्रेनिंग के लिए भारत आने वाले जजों का कार्यक्रम रद्द

भारत और बांग्लादेश के बीच में बंदी प्रत्यर्पण संधि है। इस संधि के मुताबिक भारत और बांग्लादेश दोनों को एक-दूसरे के अपराधियों को सौंप और मांग सकते हैं। लेकिन इस संधि में एक अपवाद भी है। इसके मुताबिक राजनीतिक व्यक्तियों को इस बंदी के जरिए भेजना या न भेजना संबंधित देश पर निर्भर करता है। इसी वजह से भारत शेख हसीना को बांग्लादेश को सौंपने के लिए बाध्य नहीं है।

इससे पहले, बांग्लादेश में शेख हसीना के 16 साल के शासन का अंत 5 अगस्त 2024 को हो गया। कथित छात्र आंदोलन के चलते शेख हसीना को अपनी सत्ता छोड़कर भारत में शरण लेनी पड़ी। हसीना के भारत आने के बाद सेना ने स्थिति को संभाला और जल्दी ही राष्ट्रपति के सहयोग से नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार का गठन किया। मुहम्मद यूनुस का भारत को लेकर रवैया वैसे भी ठीक नहीं था और शेख हसीना के भारत में होने से दोनों के रिश्तों में खटास आ गई है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें