Hindi Newsविदेश न्यूज़Why Pakistanis fighting among themselves in name of Shaheed Bhagat Singh reached Lahore High Court

शहीद भगत सिंह के नाम पर आपस में ही क्यों उलझे पाकिस्तानी, पहुंच गए हाई कोर्ट

लाहौर महानगर निगम ने शुक्रवार को ‘भगत सिंह मेमोरियल फाउंडेशन पाकिस्तान’ के अध्यक्ष इम्तियाज रशीद कुरैशी द्वारा लाहौर उच्च न्यायालय में दायर अवमानना ​​याचिका के जवाब में कहा कि शादमान चौक का नाम भगत सिंह के नाम पर रखने और वहां उनकी प्रतिमा लगाने की प्रस्तावित योजना को रद्द कर दिया गया है।

Pramod Praveen भाषा, लाहौरTue, 12 Nov 2024 10:33 PM
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पड़ोसी देश पाकिस्तान में शहीद भगत सिंह के नाम पर लाहौर में लोग आपस में ही उलझ गए हैं। लाहौर के एक गैर-लाभकारी फाउंडेशन ने एक सेवानिवृत्त पाकिस्तानी सैन्य अधिकारी की सिफारिश पर शादमान चौक का नाम बदलकर स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह के नाम पर रखने और वहां उनकी प्रतिमा स्थापित करने की योजना को रद्द करने के लिए मंगलवार को सरकार की आलोचना की।

लाहौर महानगर निगम ने शुक्रवार को ‘भगत सिंह मेमोरियल फाउंडेशन पाकिस्तान’ के अध्यक्ष इम्तियाज रशीद कुरैशी द्वारा लाहौर उच्च न्यायालय में दायर अवमानना ​​याचिका के जवाब में कहा कि शादमान चौक का नाम भगत सिंह के नाम पर रखने और वहां उनकी प्रतिमा लगाने की प्रस्तावित योजना को रद्द कर दिया गया है। लाहौर महानगर निगम की ओर से कहा गया कि कमोडोर (सेवानिवृत्त) तारिक मजीद द्वारा प्रस्तुत एक रिपोर्ट के आलोक में योजना को रद्द किया गया।

इसमें कहा गया है कि शादमान चौक का नाम सिंह के नाम पर रखने के लिए सरकार द्वारा बनाई गई एक समिति में शामिल मजीद ने अपनी टिप्पणियों में दावा किया कि ‘‘सिंह एक क्रांतिकारी नहीं बल्कि एक अपराधी थे, आज के संदर्भ में वह एक आतंकवादी थे, उन्होंने एक ब्रिटिश पुलिस अधिकारी की हत्या की थी और इस अपराध के लिए उन्हें दो साथियों के साथ फांसी की सजा दी गई थी।’’

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यहां मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए फाउंडेशन के अध्यक्ष कुरैशी ने कहा कि माजिद को क्रांतिकारी भगत सिंह को ‘अपराधी और आतंकवादी’ कहने से पहले सेंट्रल असेंबली में क्रांतिकारी भगत सिंह की प्रशंसा करने वाले पाकिस्तान के संस्थापक एम ए जिन्ना के भाषण को याद करना चाहिए। क़ुरैशी ने कहा, ‘‘जिन्ना ने न केवल भगत सिंह और उनके साथियों के बलिदानी व्यक्तित्व की प्रशंसा की, बल्कि सबसे मजबूत इरादे के साथ उनके समर्थन में भी खड़े रहे और ब्रिटिश कानून-व्यवस्था और सिद्धांतों पर सवाल उठाए।’’

उन्होंने सिंह के बारे में सरकारी रिपोर्ट को ‘हास्यास्पद और इतिहास के साथ छेड़छाड़’ करार दिया जिसमें इस्लामी दृष्टिकोण को विकृत तरीके से प्रस्तुत किया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘भगत सिंह पाकिस्तान की धरती पर जन्मे एक क्रांतिकारी लाल थे और हम छद्म राजनीतिक उद्देश्यों के लिए अपने देश के इतिहास को नष्ट नहीं होने दे सकते।’’

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