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Hindi Newsविदेश न्यूज़Why New Iran president Masoud Pezeshkian vows that morality police will not bother women

महिलाओं को परेशान नहीं करेंगे… ऐसा क्या हुआ जो ईरान के नए राष्ट्रपति को खानी पड़ी कसम

  • ईरानी महिला महसा अमिनी की मौत की दूसरी बरसी पर महिलाओं ने एक बार फिर हिजाब के विरोध में सड़क पर उतरना शुरू कर दिया है। ईरानी राष्ट्रपति ने वादा किया है कि नैतिकता पुलिस अब महिलाओं को परेशान नहीं करेगी।

Gaurav Kala एएफपीTue, 17 Sep 2024 04:24 AM
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ईरान में एक बार फिर हिजाब के खिलाफ महिलाओं का सड़क पर उतरना शुरू हो गया है। दो साल पहले नैतिकता पुलिस की मारपीट में 22 साल की महसा अमिनी की मौत हो गई थी। जिसके बाद हजारों महिलाओं ने देशभर में प्रदर्शन किए थे। इससे ईरानी हुकूमत बौखला जरूर गई थी लेकिन, तमाम कोशिशों के बाद भी आंदोलन नहीं दबा सकी। अमिनी की मौत की दूसरी बरसी पर ईरान के नए राष्ट्रपति ने कसम खाई सरकार सुनिश्चित करेगी कि नैतिकता पुलिस महिलाओं को परेशान न करे।

इब्राहिम रईसी की हवाई दुर्घटना में मौत के बाद जुलाई के अंत में सुधारवादी नेता मसूद पेजेशकियान ने नए राष्ट्रपति का पदभार संभाला है। उन्होंने अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा "नैतिकता पुलिस को महिलाओं के खिलाफ ऐक्शन नहीं लेना चाहिए। मैं इस पर ऐक्शन लूंगा और सुनिश्चित करूंगा वे उन्हें परेशान न करें।" मसूद की टिप्पणी सितंबर 2022 में 22 वर्षीय महसा अमिनी की पुलिस हिरासत में मौत की दूसरी सालगिरह पर आई है। इससे पहले रविवार और सोमवार को ईरान में महिलाओं ने महसा अमिनी की मौत की बरसी पर हिजाब के विरोध में प्रदर्शन किया। कई सोशल मीडिया पोस्ट में महिलाएं हिजाब उतारते हुए देखी गईं।

महसा अमिनी के साथ क्या हुआ था

साल 2022 में महसा अमिनी नाम की 22 वर्षीय ईरानी महिला को हिजाब के विरोध के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। ईरान में इस तरह के आरोपों से निपटने के लिए नैतिकता पुलिस ऐक्शन लेती है। नैतिकता पुलिस का काम यह सुनिश्चित करना होता है कि ईरान में इस्लामिक कानूनों का सही ढंग से पालन हो रहा है या नहीं? अमिनी को सार्वजनिक तौर पर हिजाब न पहनने का दोषी पाया गया और पुलिस हिरासत में यातनाएं दी गई। इससे उसकी मौत हो गई थी। जिसके बाद ईरान में महीनों तक जबरदस्त विरोध प्रदर्शन चला।

महसा अमिनी के समर्थन और हिजाब के विरोध में चले हिंसक प्रदर्शन में दर्जनों सुरक्षाकर्मियों सहित सैकड़ों लोग मारे गए। हजारों प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया। अमिनी की मौत के बाद शुरू हुए प्रदर्शनों की लहर के दौरान सरकार को इंटरनेट पर कठोर प्रतिबंध लागू करने पड़े, खासकर फेसबुक और एक्स जैसे लोकप्रिय सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को प्रतिबंधित किया। हालांकि सोमवार को, मसदू ने कहा कि उनकी सरकार सोशल मीडिया पर प्रतिबंधों को कम करने के लिए काम कर रही है।

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