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रोक सको तो रोक लो, भारतीय मूल के CEO ने एलन मस्क को क्यों दी चुनौती? ट्रंप के फैसले पर मचा बवाल

  • श्रीनिवास का यह बयान तब आया जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने USAID को बंद करने का आदेश दिया और इसे भ्रष्ट बताते हुए हजारों कर्मचारियों को निकाल दिया।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, वॉशिंगटन डीसीSat, 8 Feb 2025 01:16 PM
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रोक सको तो रोक लो, भारतीय मूल के CEO ने एलन मस्क को क्यों दी चुनौती? ट्रंप के फैसले पर मचा बवाल

भारतीय मूल के परप्लेक्सिटी एआई के सीईओ अरविंद श्रीनिवास ने अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी (USAID) को बंद करने के फैसले पर कटाक्ष करते हुए एलन मस्क को चुनौती दे डाली। उन्होंने एक्स (ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा, "USAID से 500 अरब डॉलर जुटाने पर विचार कर रहा हूं। फंडिंग सुनिश्चित है। रोक सकते हो तो रोक लो एलन मस्क।"

श्रीनिवास का यह बयान तब आया जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने USAID को बंद करने का आदेश दिया और इसे "भ्रष्ट" बताते हुए हजारों कर्मचारियों को निकाल दिया।

USAID पर ट्रंप और मस्क की तीखी टिप्पणी

इससे पहले, एलन मस्क ने USAID को "अपराधी संगठन" कहा था और इसे बंद करने की वकालत की थी। वहीं, ट्रंप प्रशासन ने एजेंसी के केवल 300 कर्मचारियों को बनाए रखने की योजना बनाई है और USAID को विदेश विभाग में विलय करने का प्रस्ताव रखा है, जहां इसकी कमान ट्रंप के करीबी माने जाने वाले विदेश मंत्री मार्को रुबियो को सौंपी गई है।

कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस (CRS) के अनुसार, USAID में 10,000 से अधिक कर्मचारी कार्यरत थे, जिनमें से दो-तिहाई अमेरिका से बाहर तैनात थे। शुक्रवार, 7 फरवरी की मध्यरात्रि से USAID की वेबसाइट पर जारी एक बयान के अनुसार, "USAID के सभी प्रत्यक्ष कर्मचारियों को प्रशासनिक अवकाश पर रखा जाएगा, केवल उन कर्मियों को छोड़कर जो मिशन-क्रिटिकल कार्यों, कोर लीडरशिप और विशेष रूप से नामित कार्यक्रमों को संभाल रहे हैं।"

USAID के समर्थन में सड़कों पर लोग

बुधवार को, वॉशिंगटन डीसी सहित पूरे अमेरिका में ट्रंप प्रशासन के इस फैसले के खिलाफ प्रदर्शन हुए। सैकड़ों लोगों ने USAID के समर्थन में सड़कों पर उतरकर विरोध जताया।

USAID पर खर्च को लेकर आलोचना

ट्रंप प्रशासन ने USAID के वित्तीय रिकॉर्ड को सार्वजनिक करते हुए कई परियोजनाओं को "बेतुका खर्च" बताया है। ट्रंप ने एक्स पर लिखा, "दशकों तक USAID के नौकरशाहों को लगता था कि वे किसी को जवाबदेह नहीं हैं – लेकिन अब वह दौर खत्म हो गया है। राष्ट्रपति ट्रंप बर्बादी, धोखाधड़ी और दुरुपयोग को रोक रहे हैं।"

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एलन मस्क ने भी इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "यह करदाताओं के पैसे की पागलखाने जैसी बर्बादी है!" ट्रंप इससे पहले USAID को "कट्टरपंथी पागलों द्वारा संचालित संगठन" भी कह चुके हैं। उन्होंने कहा था, "USAID को कट्टरपंथी पागल चला रहे थे, और हम उन्हें बाहर निकाल रहे हैं... इसके भविष्य को लेकर हम जल्द ही फैसला लेंगे।" USAID के बंद होने के बाद अब अंतरराष्ट्रीय विकास और मानवीय सहायता कार्यों पर इसका क्या असर पड़ेगा, यह देखने वाली बात होगी।

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