Hindi Newsविदेश न्यूज़Why did Israeli bombs spread panic What is Asbestos released by Israel bombs will kill for decades

एक बार किया विस्फोट, दशकों तक लेता रहेगा जान; इजरायल के बम विस्फोटों से क्यों फैली दहशत?

  • एस्बेस्टस के संपर्क में आने से मेसोथेलियोमा नामक कैंसर का खतरा सबसे अधिक होता है। यह कैंसर फेफड़ों या पेट के आसपास की झिल्लियों में होता है।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, गाजाWed, 9 Oct 2024 10:16 PM
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गाजा पर इजरायली बमबारी के चलते केवल तत्काल विनाश ही नहीं हुआ है, बल्कि इससे एक और घातक दुश्मन भी पनप रहा है। इसका नाम है एस्बेस्टस (Asbestos)। यह एक खनिज है जो सामान्य अवस्था में मनुष्यों के लिए खतरनाक नहीं होता, लेकिन बमबारी के कारण यह हवा में फैलकर जानलेवा साबित हो सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि गाजा में भविष्य में कैंसर के मामलों में भारी वृद्धि हो सकती है।

यूएन के मुताबिक 8 लाख टन मलबे में हो सकता है एस्बेस्टस

संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के अनुसार गाजा के बर्बाद हुए ढांचों में लगभग 800,000 टन मलबा एस्बेस्टस से दूषित हो सकता है। इस खतरे को देखते हुए एस्बेस्टस विशेषज्ञ रॉजर विली ने इसे गाजा के नागरिकों के लिए एक "मौत की सजा" करार दिया है। उनका कहना है कि आने वाले दशकों में गाजा में कैंसर के कई नए मामले सामने आएंगे।

9/11 के हादसे से तुलना

अल-जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, रॉजर विली ने गाजा में हो रहे एस्बेस्टस के प्रभाव की तुलना न्यूयॉर्क में 9/11 के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर हमले के बाद के हालात से की है। उन्होंने बताया कि उस समय भी हवा में एस्बेस्टस के कण फैल गए थे और सालों बाद लोगों में गंभीर बीमारियां सामने आईं। विली के अनुसार, गाजा में भी यह खतरा इतना ही गंभीर है।

मेसोथेलियोमा का बढ़ता खतरा

एस्बेस्टस के संपर्क में आने से मेसोथेलियोमा नामक कैंसर का खतरा सबसे अधिक होता है। यह कैंसर फेफड़ों या पेट के आसपास की झिल्लियों में होता है। इसके अलावा एस्बेस्टस के कारण फेफड़े, गले और अंडाशय का कैंसर भी हो सकता है। यह स्थिति गहरी सांस की समस्या, खांसी और स्थायी फेफड़ों की क्षति का कारण बनती है।

गाजा के शरणार्थी शिविरों में सबसे अधिक जोखिम

इजरायली हमलों के दौरान गाजा के शरणार्थी शिविरों में अस्बेस्टस की मौजूदगी सबसे बड़ी चिंता का विषय है। संयुक्त राष्ट्र के पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) ने पाया कि इन शिविरों के पुराने भवनों और अस्थायी निर्माणों में एस्बेस्टस की भारी मात्रा मौजूद है। यह जहरीला पदार्थ न केवल कैंसर का कारण बन सकता है, बल्कि दशकों तक लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर असर डाल सकता है।

आने वाले वर्षों में होगी असली त्रासदी

अस्बेस्टस विशेषज्ञ और Mesothelioma UK की सीईओ लिज डार्लिसन के अनुसार, इस समय तो जमीनी युद्ध और हवाई हमलों का खतरा सबसे पहले ध्यान में आता है, लेकिन आने वाले वर्षों में एस्बेस्टस के प्रभाव से जो त्रासदी होगी, वह धीमी और जानलेवा होगी। इस प्रकार, गाजा में एस्बेस्टस के कारण दशकों तक मौत का साया मंडराता रहेगा। बमबारी के मलबे में मौजूद यह अदृश्य खतरा गाजा के निवासियों के लिए एक दीर्घकालिक संकट बन सकता है, जिसका असर वर्षों तक महसूस किया जाएगा।

एस्बेस्टस का इस्तेमाल 1980 के दशक तक इमारतों के निर्माण में आग से बचाव और इन्सुलेशन के लिए व्यापक रूप से होता था, लेकिन बाद में इसके खतरों को समझते हुए इस पर प्रतिबंध लगाए गए। इजरायल ने 2011 में अपने भवनों में एस्बेस्टस के इस्तेमाल पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया। लेकिन गाजा के शरणार्थी शिविरों में अभी भी एस्बेस्टस वाले पुराने भवन और अस्थायी झोपड़ियां मौजूद हैं, जिन्हें इजरायल के हमलों के दौरान निशाना बनाया गया है।

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