कौन हैं विकास यादव, जिन पर पन्नू की हत्या की साजिश का आरोप लगा रहा अमेरिका
- अमेरिका और भारत दोनों ने ही गुरुवार को कहा था कि संबंधित अधिकारी को हटा दिया गया है। अमेरिका ने कहा था कि हम भारत की ओर से इस मामले की जांच से संतुष्ट हैं। अमेरिका का कहना है कि हमने विकास यादव पर तीन आरोप लगाए हैं, जिनमें दो प्रमुख हैं- पन्नू की हत्या और मनी लॉन्ड्रिंग की साजिश रचना।
खालिस्तानी उग्रवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश का आरोप अमेरिका के न्याय विभाग ने भारत के पूर्व खुफिया अधिकारी पर लगाया है। अमेरिका का कहना है कि उस अधिकारी का नाम विकास यादव है, जो अब तक अमेरिका में थे। लेकिन कुछ समय पहले उन्हें वापस बुला लिया गया। अमेरिका और भारत दोनों ने ही गुरुवार को कहा था कि संबंधित अधिकारी को हटा दिया गया है। अमेरिका ने कहा था कि हम भारत की ओर से इस मामले की जांच से संतुष्ट हैं। अमेरिका का कहना है कि हमने विकास यादव पर तीन आरोप लगाए हैं, जिनमें दो प्रमुख हैं- पन्नू की हत्या और मनी लॉन्ड्रिंग की साजिश रचना।
विकास यादव को लेकर जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार वह अब सरकारी अधिकारी नहीं हैं। वहीं अमेरिकी न्याय विभाग का कहना है कि वह फिलहाल फरार हैं। अमेरिकी खुफिया एजेंसी एफबीआई डायरेक्टर क्रिस्टोफर रे ने इसे लेकर बयान जारी करते हुए कहा, 'एफबीआई हिंसा की घटनाओं को स्वीकार नहीं करेगी। इसके अलावा अमेरिका में रहने वाले लोगों से बदला लेने की कोशिश भी स्वीकार नहीं है। यह जरूरी है कि अमेरिका में रहने वालों के संवैधानिक अधिकारों की सुरक्षा की जाए।'
अमेरिकी न्याय विभाग ने आरोप लगाया है कि पन्नू की हत्या की साजिश की शुरुआत मई 2023 में हुई थी। अमेरिकी एजेंसियों का आरोप है कि विकास यादव इसमें शामिल थे। वह भारत और बाहर सक्रिय एजेंटों के साथ जुड़े हुए थे। भारत ने खालिस्तानी गुरपतवंत सिंह पन्नू को आतंकवादी घोषित किया है और उसे देश की सुरक्षा के लिए खतरा बताया है। आरोप में कहा गया है कि विकास यादव ने ही निखिल गुप्ता नाम के शख्स को हायर किया था। उसे ही पन्नी के कत्ल की जिम्मेदारी दी थी। निखिल गुप्ता के खिलाफ अमेरिका ने इस मामले में सबसे पहले जांच शुरू की थी।
अमेरिका के मैनहट्टन की अदालत में कहा गया कि विकास यादव ने गुप्ता को हायर किया था। फिर गुप्ता ने ही पन्नू की हत्या की साजिश रची थी। निखिल गुप्ता बीते साल जून में भारत से प्राग गए थे। वहां चेक अथॉरिटीज ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था और फिर अमेरिका प्रत्यर्पण कर दिया गया। उन्हें अदालत में पेश किया गया था, जहां निखिल गुप्ता ने खुद को निर्दोष बताया। अमेरिकी अटॉर्नी जनरल ने कहा कि ताजा आरोप बताते हैं कि अमेरिका अपने किसी भी नागरिक की सुरक्षा से खिलवाड़ नहीं होने देगा। हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपने सभी नागरिकों की सुरक्षा करें।
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