क्या है ट्रांस अटलांटिक सुरंग, खतरनाक प्रोजेक्ट में एलन मस्क के दावे से रोमांच में क्यों US-UK
फिलहाल यह एक सैद्धांतिक सुरंग है लेकिन विश्व के टॉप लीडिंग मेगाप्रोजेक्ट्स एक्सपर्ट्स ने इस योजना को भारी जोखिम वाला प्रोजेक्ट करार दिया है क्योंकि अथाह महासागर के नीचे सुरंग खोदना आसान काम नहीं होगा।
अटलांटिक महासागर के नीचे सुरंग (Tunnel) के जरिए इसके दो छोरों यानी अमेरिका को यूरोप से जोड़ने वाला एक अतिमहत्वाकांक्षी रेल प्रोजेक्ट की परिकल्पना की गई है, जिसमें 500 से 8000 किमोमीटर प्रति घंटे यानी 310 से 4,970 मील प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनें चलाने की योजना है। चूंकि इसमें अटलांटिक के पार दोनों तरफ यानी अमेरिका के शहर न्यूयॉर्क को यूरोप में ब्रिटेन की राजधानी लंदन से जोड़ने की परिकल्पना और परियोजना है। इसलिए इसे ट्रांस अटलांटिक सुरंग प्रोजेक्ट कहा गया है।
एलन मस्क का क्या दावा
फिलहाल यह एक सैद्धांतिक सुरंग है लेकिन विश्व के टॉप लीडिंग मेगाप्रोजेक्ट्स एक्सपर्ट्स ने इस योजना को भारी जोखिम वाला प्रोजेक्ट करार दिया है क्योंकि अथाह महासागर के नीचे सुरंग खोदना आसान काम नहीं होगा। इस ट्रांस अटलांटिक सुरंग के निर्माण में 20 ट्रिलियन डॉलर का खर्च आने का अनुमान जताया गया है। हालांकि, टेस्ला के सीईओ और अमेरिकी अरबपति कारोबारी एलन मस्क ने कहा है कि वह इतनी बड़ी रकम के एक हिस्से में ही इस सुरंग का निर्माण करने में सक्षम होंगे। उनके इस दावे से लोग हैरान हैं और अमेरिका समेत ब्रिटेन के लोग रोमांचित हैं क्योंकि लगभग एक दशक पुराने इस प्रोजेक्ट के सच होने का आभास उन्हें होने लगा है।
दरअसल, एलन मस्क वैक्यूम टेक्नोलॉजी की मदद से इस प्रोजेक्ट को कम राशि में ही पूरा करने का दावा कर रहे हैं क्योंकि इस टेक्नोलॉजी ने हाल के दिनों में ऐसे जोखिम भरे प्रोजेक्टेस को कम समय में, कम जोखिम उठाते हुए और कम खर्च में पूरा करने में कामयाबी हासिल की है। वैसे तो इसके लिए कई प्रस्ताव रखे गए लेकिन सबसे आम और अहम प्रस्ताव न्यूयॉर्क और लंदन के बीच समुद्री सुरंग बिछाकर हाईस्पीड ट्रेन चलाने का है।
रोमांच में क्यों UK-US
दोनों शहरों के बीच करीब 3000 किलोमीटर की दूरी है। ये दोनों शहर सांस्कृतिक और वित्तीय केंद्र रहे हैं। इसलिए, दो महादेशों के दो अलग-अलग महत्वपूर्ण शहरों को जोड़ने से न केवल विकास के कई द्वार खुल सकेंगे बल्कि पर्यावरण अनुकूल परिवहन के विकास से पर्यावरण पर उसका जोखिम भी कम हो सकेगा। इसके अलावा दोनं शहरों की यात्रा दूरी भी कम जाएगा। फिलहाल हवाई जहाज से दोनों शहरों के बीच सफर करने में आठ घंटे का वक्त लगता है जो घटकर एक घंटे का हो सकता है।
न्यूजवीक की एक रिपोर्ट में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में मेगाप्रोजेक्ट अर्थशास्त्री और हाउ बिग थिंग्स गेट डन के लेखक प्रोफेसर बेंट फ्लाइवबर्ज के हवाले से कहा गया है कि ट्रान्स अटलांटिक सुरंग का निर्माण एक खतरनाक और बहुत समय लेने वाली परियोजना होगी। उन्होंने कहा, संभव है कि हम अपने जीवनकाल में इस परियोजना को धरातल पर उतरते और काम करते हुए ना देख पाएं क्योंकि यह एक खतरों से भरा हौ और उच्च जोखिम वाली परियोजना होगी।" उन्होंने कहा कि वैक्यूम ट्रेन तकनीक के बावजूद अगर फ्रांस और ब्रिटेन को जोड़ने वाला सुरंग उसी समान गति से बनाया जाए तब भी इसमें 782 साल लग सकते हैं।
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