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भरोसे लायक नहीं पश्चिमी देश, रूसी सेना प्रमुख ने खूब सुनाया; भारत सहित 5 देशों से दोस्ती मजबूत कर रहा रूस

  • रूस और अमेरिका दुनिया के सबसे बड़े परमाणु शक्ति संपन्न देश हैं। उन्होंने हाल के वर्षों में कई महत्वपूर्ण हथियार नियंत्रण समझौतों को समाप्त कर दिया है।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, मॉस्कोWed, 18 Dec 2024 10:48 PM
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रूस ने एक बार फिर पश्चिमी देशों को लेकर आगाह किया है। रूस का कहना है कि ये देश भरोसे लायक नहीं है। इसी के चलते रूस ने भारत और चार अन्य देशों के साथ संबंधों को मजबूत करने का संकेत दिया है। भारत के अलावा, जिन देशों के साथ रूस अपनी दोस्ती मजबूत कर रहा है उनमें चीन, ईरान, उत्तर कोरिया और वेनेजुएला शामिल हैं।

रूस के चीफ ऑफ जनरल स्टाफ, जनरल वालेरी गेरासिमोव ने कहा कि हथियार नियंत्रण पर बातचीत अब मौजूदा अंतरराष्ट्रीय संबंधों में न तो प्रासंगिक है और न ही व्यावहारिक। रूसी रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, गेरासिमोव ने पश्चिमी देशों पर "दोहरा रवैया" अपनाने का आरोप लगाया और कहा कि इस वजह से न्यूनतम स्तर के विश्वास की बहाली असंभव हो गई है। उन्होंने अमेरिका पर वैश्विक संघर्षों को बढ़ावा देने और शीत युद्ध के महत्वपूर्ण हथियार नियंत्रण समझौतों को खत्म करने का भी आरोप लगाया। गेरासिमोव ने कहा, "बिना भरोसे के, आपसी नियंत्रण के लिए प्रभावी तंत्र बनाना असंभव है।" उन्होंने यह भी कहा कि कई देश अब अपनी "उचित प्रतिक्रिया" पर विचार कर रहे हैं।

अमेरिका और रूस के बीच हथियार नियंत्रण समझौतों का टूटना

रूस और अमेरिका दुनिया के सबसे बड़े परमाणु शक्ति संपन्न देश हैं। उन्होंने हाल के वर्षों में कई महत्वपूर्ण हथियार नियंत्रण समझौतों को समाप्त कर दिया है। अमेरिका ने 2019 में इंटरमीडिएट-रेंज न्यूक्लियर फोर्सेस (INF) ट्रीटी से खुद को अलग कर लिया था। तब अमेरिका ने आरोप लगाया था कि रूस इस समझौते का उल्लंघन कर रहा है। रूस ने इन आरोपों को खारिज किया था।

इसके पहले 2002 में, अमेरिका ने एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल (ABM) ट्रीटी से भी अपने कदम वापस खींच लिए थे। 2023 में, राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने न्यू START संधि में रूस की भागीदारी निलंबित कर दी, जिसका उद्देश्य सामरिक परमाणु हथियारों पर नियंत्रण रखना था। हालांकि, रूस और अमेरिका दोनों ने अभी तक हथियारों और बमवर्षकों की सीमाओं का पालन करना जारी रखा है।

एशिया और यूरोप में अमेरिकी सैन्य गतिविधियों पर चिंता

गेरासिमोव ने अमेरिका पर यूरोप और एशिया में मिसाइल तैनाती के जरिए "रणनीतिक आक्रामक हथियारों की दौड़" को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उन्होंने फिलीपींस में अमेरिकी सैन्य उपस्थिति बढ़ने को लेकर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने यह भी कहा कि यूक्रेन द्वारा पिछले महीने अमेरिकी मिसाइलों का इस्तेमाल कर रूसी क्षेत्र पर हमले करने के बाद, अमेरिका सीधे तौर पर यूक्रेनी संघर्ष में शामिल हो गया है। रूस ने चीन, भारत, ईरान, उत्तर कोरिया और वेनेजुएला जैसे देशों के साथ सहयोग को प्राथमिकता देने का निर्णय लिया है। इसने कहा है कि इन देशों के साथ घनिष्ठ संबंध वैश्विक संतुलन बनाए रखने के लिए आवश्यक हैं।

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