‘हत्यारों की वापसी चाहते हैं’, मोहम्मद यूनुस ने दिए शेख हसीना के भारत से प्रत्यर्पण के संकेत
- बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण बयान दिया है, जिसमें उन्होंने हत्याओं के आरोपियों और भ्रष्टाचार के तहत विदेश भेजी गई धनराशि की वापसी की मांग की है। उनका यह बयान पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की ओर इशारा करता है।
Sheikh Hasina Latest News: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हुई हत्याओं के आरोपियों को वापस लौटना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि भ्रष्टाचार के तहत विदेश भेजी गई धनराशि भी वापस लाई जाए। यूनुस का यह बयान पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की ओर इशारा करता है, जिन्होंने पिछले महीने सरकार के खिलाफ छात्रों के विरोध प्रदर्शन के बाद इस्तीफा दे दिया था और भारत चली गई थीं।
यूनुस ने एक आधिकारिक बयान में कहा, “हम हत्यारों को वापस लाना चाहते हैं और उन भ्रष्ट व्यक्तियों, राजनेताओं और नौकरशाहों द्वारा विदेश भेजी गई धनराशि को वापस लाना चाहते हैं, जिन्होंने पूर्व तानाशाही शासन के दौरान भ्रष्टाचार किया।” हालांकि, यूनुस ने किसी विशेष व्यक्ति का नाम नहीं लिया, लेकिन उनके बयान का इशारा पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की ओर माना जा रहा है।
चुप रहें शेख हसीना: मोहम्मद यूनुस
यूनुस ने पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि हसीना को भारत में रहते हुए 'चुप' रहना चाहिए। उन्होंने कहा, “यदि हसीना चाहती हैं कि वह तब तक भारत में रहे जब तक बांग्लादेश उसे वापस नहीं लेता, तो उनके लिए शर्त यह होगी कि उन्हें चुप रहना होगा।” यूनुस ने यह भी कहा कि हसीना का भारत में रहते हुए बयान देना और निर्देश जारी करना हमारे लिए और भारत के लिए अच्छा नहीं है।
अपने बेटे के माध्यम से शेख हसीना ने दिया था बयान
बांग्लादेश में शेख हसीना के खिलाफ व्यापक प्रदर्शन के बावजूद वह स्थिर नहीं हैं। उन्होंने अपने बेटे के माध्यम से एक बयान जारी किया, जिसमें बांग्लादेशियों से ढाका में 1975 में उनके पिता, शेख मुजीबुर रहमान की हत्या की बरसी मनाने की अपील की। उन्होंने अपने शासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुई मौतों की जांच की भी मांग की। हालांकि, हसीना अब एक गुप्त स्थान पर हैं और उन्होंने इसके बाद कोई और बयान जारी नहीं किया है।
यूनुस ने कहा कि उनकी अंतरिम सरकार की प्राथमिक चुनौती पूर्व तानाशाही के दौरान बने घावों को भरना है। उन्होंने कहा, “इसके लिए हमें एकता और समन्वय की आवश्यकता है।” उन्होंने बताया कि हसीना की सरकार के पतन के बाद हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के घरों, व्यवसायों और मंदिरों पर हमले हुए थे।
बांग्लादेश में निकाला गया मार्च
वहीं, विरोध प्रदर्शन की अगुवाई करने वाले एंटी-डिस्क्रिमिनेशन स्टूडेंट मूवमेंट ने गुरुवार को आंदोलन के शहीदों की याद में कार्यक्रम आयोजित किया। ढाका विश्वविद्यालय के राजू मेमोरियल स्कल्पचर से शुरू हुआ यह 'शहीद मार्च' ढाका के प्रमुख क्षेत्रों से होते हुए केंद्रीय शहीद मीनार पर समाप्त हुआ। मार्च के दौरान छात्रों ने बांग्लादेश का राष्ट्रीय ध्वज लहराया और हसीना की सरकार के खिलाफ नारे लगाए। उन्होंने गाजा के लोगों के प्रति समर्थन व्यक्त करने के लिए फिलिस्तीनी झंडे भी लहराए।
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