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चांद पर कैसा होता है सूर्योदय का नजारा, अमेरिकी 'चंद्रयान' ने भेजी तस्वीर; VIDEO भी देखें

  • इससे पहले कभी भी इतने सारे अंतरिक्ष यान एक साथ चंद्रमा की सतह पर नहीं पहुंचे थे। पिछले महीने, अमेरिका और जापान की कंपनियों ने एक ही रॉकेट की सहायता से अपने-अपने चंद्रयान को प्रक्षेपित किया था।

Himanshu Jha लाइव हिन्दुस्तानWed, 5 March 2025 09:52 AM
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चांद पर कैसा होता है सूर्योदय का नजारा, अमेरिकी 'चंद्रयान' ने भेजी तस्वीर; VIDEO भी देखें

अमेरिका की प्राइवेट कंपनी फायरफ्लाई एयरोस्पेस का चंद्रयान ब्लू घोस्ट लैंडर दो मार्च को चांद की सतह पर उतरा। वहां से इसने चांद की सतह पर उगते सूरज की शानदार तस्वीरें भेजीं, जिसे फायरफ्लाई ने एक्स हैंडल पर पोस्ट किया।

आपको बता दें कि ‘इंट्यूटिव मशीन्स’ के अंतरिक्ष यान को भी बीते बुधवार को चंद्रमा की यात्रा के लिए प्रक्षेपित किया गया था। इस यान का लक्ष्य ड्रोन के साथ चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर ‘जेट-ब्लैक क्रेटर’ के निकट पहुंचना है। चंद्रमा के इस हिस्से पर सूरज की रोशनी कभी नहीं पड़ती है।

टेक्सास स्थित ‘इंट्यूटिव मशीन्स’ के अंतरिक्ष यान का नाम ‘एथेना’ है। यान को ‘नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन’ (नासा) के ‘कैनेडी स्पेस सेंटर’ से निजी अमेरिकी वांतरिक्ष (एयरोस्पेस) और अंतरिक्ष परिवहन सेवा कंपनी ‘स्पेसएक्स’ ने प्रक्षेपित किया।

इससे पहले कभी भी इतने सारे अंतरिक्ष यान एक साथ चंद्रमा की सतह पर नहीं पहुंचे थे। पिछले महीने, अमेरिका और जापान की कंपनियों ने एक ही रॉकेट की सहायता से अपने-अपने चंद्रयान को प्रक्षेपित किया था। टेक्सास स्थित ‘फायरफ्लाई एयरोस्पेस’ का चंद्रयान भी इस दौड़ में शामिल है।

नासा अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर फिर से भेजने की भी तैयारी कर रहा है। नासा के विज्ञान मिशन की प्रमुख निकी फॉक्स ने प्रक्षेपण से कुछ घंटे पहले ‘एसोसिएटेड प्रेस’ (एपी) से कहा, ‘‘यह एक अद्भुत समय है। वैज्ञानिकों में जोश है।’’ अंतरिक्ष प्रणालियों के वरिष्ठ उपाध्यक्ष ट्रेंट मार्टिन ने कहा, ‘‘निश्चित रूप से हम इस बार पिछली बार से बेहतर प्रदर्शन करेंगे लेकिन आप कभी नहीं जान सकते कि क्या हो सकता है।’’

पिछले कुछ दशकों में केवल पांच देश ही चंद्रमा पर उतरने में सफल हुए हैं जिनमें रूस, अमेरिका, चीन, भारत और जापान शामिल हैं।

2040 में चांद पर भारतीय को उतरने का लक्ष्य : ISRO

इस बीच भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष डा वी नारायणन ने मंगलवार को कहा कि ‘मानव मिशन’ के तहत वर्ष 2040 में चांद पर भारतीय कदम रखेगा। नारायणन ने उत्तराखंड के रुड़की स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) में आज छठवीं इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में इस आशय की घोषणा की। इस कॉन्फ्रेंस में दक्षिण कोरिया, कैलिफोर्नियायू एस ए, नीदरलैंड, कनाडा जैसे कई देशो से वैज्ञानिक शामिल होने पहुंचे थे।

नारायणन के अनुसार भारत वर्ष 2040 में चांद की सतह पर भारतीय कदम रखेगा। इसरो चेयरमैन आईआईटी-रूड़की में आयोजित इंडियन प्लेनेटरी कॉन्फ्रेंस में बतौर मुख्य अतिथि मीडिया से मुखातिब हुए यह बात कही।

इसरो अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चांद की सतह पर भारतीय नागरिक के पहुंचने को लेकर बेहद उत्साहित है। इसरो इसके लिए लगातार प्रयासरत है। साथ ही भारत सन 2030 तक अंतरिक्ष में भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन भी स्थापित कर लेगा।

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