Hindi Newsविदेश न्यूज़US Vice President JD Vance Wields Threat of Sanctions, Military Action to Push Putin Into Ukraine Deal

जंग रोको, वरना बोल देंगे हमला: जिस पर शांति की जिम्मेदारी; वही दे रहा रूस को एयरस्ट्राइक की धमकी

वेन्स ने कहा है कि अगर रूसी राष्ट्रपति पुतिन यूक्रेन के साथ शांति समझौता करने पर सहमत नहीं होते हैं तो अमेरिका मॉस्को पर और कड़े प्रतिबंध लगा सकता है और सैन्य हमले भी कर सकता है।

Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीFri, 14 Feb 2025 03:44 PM
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जंग रोको, वरना बोल देंगे हमला: जिस पर शांति की जिम्मेदारी; वही दे रहा रूस को एयरस्ट्राइक की धमकी

पिछले तीन साल से यूक्रेन और रूस के बीच जंग जारी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस जंग को रोकने की कोशिशों में जुटे हैं। दो दिन पहले ही उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की से फोन पर बातचीत की थी और युद्ध रोकने के उपायों पर चर्चा की थी। अब उनके खास और उप राष्ट्रपति जेडी वेन्स जर्मनी के तीसरे सबसे बड़े शहर म्यूनिख में दोनों देशों के बीच शांति समझौता कराने की कोशिशों में शांति वार्ता करने पहुंचे हैं। आज (शुक्रवार) अमेरिकी उप राष्ट्रपति जेडी वेन्स की यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की और रूसी अधिकारियों से शांति समझौते पर बातचीत होनी है।

वेन्स की रूस को बड़ी धमकी

हालांकि, इससे पहले अमेरिकी उपराष्ट्रपति वेंस ने बड़ी बात कह दी है। उन्होंने कहा है कि अगर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन के साथ शांति समझौता करने पर सहमत नहीं होते हैं तो अमेरिका मॉस्को पर और कड़े प्रतिबंध लगा सकता है और उस पर सैन्य हमले भी कर सकता है। वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वेंस ने अखबार को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि अगर रूस शांति समझौते की बात नहीं मानता है तो उस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं। वेन्स ने कहा, "लाभ उठाने के लिए आर्थिक और सैन्य साधन दोनों हैं, जिनका उपयोग अमेरिका पुतिन के खिलाफ कर सकता है।"

रूस पर दबाव बढ़ाने की कोशिश

अखबार के मुताबिक वेन्स ने कहा, "कई तरह के फॉर्मूले और कॉन्फिग्रेशन हैं लेकिन हम यूक्रेन की संप्रभु स्वतंत्रता की परवाह करते हैं।" वेंस ने संवाददाताओं से कहा कि उनके पास संघर्ष पर चर्चा करने और इसे बातचीत के जरिए समाधान तक पहुंचाने के तरीके पर चर्चा करने की योजना है। उन्होंने कहा कि अमेरिका यह सुनिश्चित करना चाहता है कि नाटो भविष्य के लिए बनाया गया है। इससे पहले यूक्रेन ने इस बात पर आशंका जताई थी कि ट्रंप पुतिन को फोन करने के बाद उनके देश को बेचने की तैयारी कर रहे हैं। वेन्स की इस प्रतिक्रिया को रूस पर दबाव बनाने के एक टूल के रूप में समझा जा रहा है क्योंकि रूस इतनी आसानी से यूक्रेन के खिलाफ जंग नहीं रोकना चाह रहा। साथ ही रूस अपनी शर्तों पर शांति समझौता चाह रहा है, जबकि अमेरिका यूक्रेन की स्वतंत्रता और संप्रभुता का सम्मान बनाए रखना चाहता है।

इससे पहले बुधवार को ट्रंप ने कहा था कि यूक्रेन रूस के साथ शांति वार्ता में शामिल होगा। उन्होंने व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा कि युद्ध समाप्त करने के लिए रूस के साथ किसी भी शांति वार्ता के दौरान यूक्रेन को भी शामिल किया जाएगा। दूसरी तरफ कीव ने कहा है कि शुक्रवार को सुरक्षा सम्मेलन में मॉस्को से बात करना जल्दबाजी होगी। इस बीच जेलेंस्की ने म्यूनिख में त्रिपक्षीय शांति वार्ता में शामिल होने से इनकार कर दिया है और कहा है कि अमेरिका को पुतिन की बातों पर भरोसा नहीं करना चाहिए।

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शांति वार्ता पर अनिश्चितता

इधर, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि यह कहना अभी जल्दबाजी होगी कि यूक्रेन शांति वार्ता किस तरह आगे बढ़ेगी। ट्रंप ने शुक्रवार को भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, “जहां तक ​​वार्ता का सवाल है, यह कहना अभी जल्दबाजी होगी कि क्या होने वाला है। हो सकता है कि रूस बहुत कुछ छोड़ दे, हो सकता है कि वह नहीं छोड़े, और यह सब इस बात पर निर्भर करता है कि क्या होने वाला है। वार्ता वास्तव में शुरू नहीं हुई है।”

उन्होंने यह भी कहा कि नाटो में शामिल होने की यूक्रेन की कोशिश उन कारणों में से एक थी, जिसके कारण संघर्ष की शुरुआत हुई थी। ट्रंप ने कहा, “मुझे वास्तव में लगता है कि यही वह बात थी जिसने युद्ध की शुरुआत की। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने यही कहा था और मुझे भी लगता है कि यह युद्ध की शुरुआत करने वालों में से एक था।”

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