हमास के आतंकियों को UN ने दी थी नौकरी, गाजा के स्कूलों में कर रहे थे काम
Gaza: गाजा पट्टी में हमले के दौरान इजरायली सेना द्वारा जब्त किए गए दस्तावेजों से खुलासा हुआ है कि यूएन की एजेंसी द्वारा हमास के आतंकियों को नौकरी दी गई थी। इन आतंकियों को स्कूलों में प्रिंसीपल और डिप्टी प्रिंसीपल के पदों पर तैनात किया गया था।
गाजा पट्टी में इजरायल और हमास के बीच में जबर्दस्त युद्ध चल रहा है। अब इस युद्ध में संयुक्त राष्ट्र संघ से जुड़ा नया खुलासा हुआ है। हमले के दौरान इजरायली सेना द्वारा बरामद दस्तावेजों से यह जानकारी निकल कर सामने आई है कि फिलिस्तीनियों के लिए गाजा में संयुक्त राष्ट्र द्वारा चलाए जा रहे स्कूलों में हमास और पीआईजे के आतंकवादियों को भी नियुक्त किया गया था।
रिपोर्ट के मुताबिक इस खुलासे के बाद इजरायल ने इस पर अपनी निराशा जाहिर की है। इजरायल के अनुसार, एक दशक से भी ज्यादा समय से संयुक्त राष्ट्र राहत और इनकी फिलिस्तीन शरणार्थियों के लिए कार्य एजेंसियों ने आतंकवादियों की घुसपैठ रोकने में सही काम नहीं किया। इजरायल ने आरोप लगाया कि संयुक्त राष्ट्र के लिए काम करने वाले कई कर्मचारी भी हमास के नेतृत्व में 7 अक्टूबर को किए गए हमले का हिस्सा थे।
न्यूयॉर्क टाइम्स द्वारा गाजा में मिले दस्तावेजों के आधार पर यह पता चला की कम से कम 24 हमास और पीआईजे के आतंकवादी संयुक्त राष्ट्र के लिए काम करते हैं। इनमें कई लोग ऐसे थे जो इन संगठनों के शीर्ष पदों पर पदों पर बैठे थे।
इजरायल की तरफ से लगातार यह आरोप लगाया जाता रहा है कि हमास और पीआईजे के आंतकवादियों ने संयुक्त राष्ट्र राहत शिविर में घुसपैठ की है और वहां पर भारी संख्या में काम करना शुरू कर दिया है। इन आतंकियों का इस्तेमाल इन स्कूलों में हथियार रखने और इनकी सुविधाओं का इस्तेमाल अन्य आतंकियों को कराने के लिए किया जाता है। कई स्कूल तो ऐसे भी थे जिनसे हमास के आतंकी रॉकेट लॉन्च भी करते थे।
टाइम्स के अनुसार, हमास अपने लड़ाकों और अपने कर्मचारियों का व्यापक रिकॉर्ड रखने के लिए जाना जाता है। इसके अलावा इन दस्तावेजों में उनको जारी किए गए दस्तावेजों का लेखा-जोखा और उनकी फिटनेस के बारे में भी जानकारी लिखी गई थी। इन्हीं दस्तावेजों के अनुसार कई आतंकी ऐसे थे जिन्हें संयुक्त राष्ट्र के स्कूलों में शीर्ष पदों पर तैनात किया गया था।
रिपोर्ट् के अनुसार, आतंकवादी ज्यादातर जगहों पर प्रिंसीपल या फिर डिप्टी प्रिंसीपल पदों पर थे और बाकी स्कूल में एडवायजर और टीचर जैसे महत्वपूर्ण पदों पर थे। स्थानीय लोगों के मुताबिक हमास के लोगों का स्कूलों में तैनात किया जाना एक खुला रहस्य है। इसे सभी लोगों को पता है।
इस मामले पर जब यूएन से सवाल किया गया तो उन्होंने इजरायल पर आरोप लगाते हुए कहा कि इजरायल उन्हें बदनाम करने की साजिश कर रहा है। उन स्कूलों में केवल फिलिस्तीनियों के बच्चों को बेहतर लोकल और विदेशी लोगों द्वारा पढ़ाया जाता है। यूएन के इस जवाब पर पलटवार करते हुए इजरायल ने कहा कि यह कुछ सेबों की बात नहीं है कि हम संयुक्त राष्ट्र को बदनाम कर रहे हों। यहां पर आतंकवादी स्कूलों में मौजूद हैं। उन्हें बंदूक लिए स्कूलों के बाहर और अंदर देखा जा सकता है।
स्कूलों में हमास कमांडरों की तैनाती की बात पहली बार तब सामने आई थी जब हमास ने घोषणा कि थी कि एक स्कूल हमले में मारे गए प्रिंसीपल फतह शरीफ हमास के मुख्य कमांडर भी थे।
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