Hindi Newsविदेश न्यूज़UN chief Guterres visits Rohingya refugee camps in Bangladesh describes aid cuts as a crime

रोहिंग्याओं की सहायता में कटौती अपराध है, बांग्लादेश पहुंचे यूएन चीफ की दुनिया से अपील

  • गुटेरेस अपने चार दिवसीय बंगलादेश दौरे पर हैं। इस दौरान, वह शुक्रवार को रमजान के पवित्र महीने में मुसलमानों द्वारा उपवास तोड़ने के समय इफ्तार में हजारों रोहिंग्या शरणार्थियों के साथ शामिल हुए।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, ढाकाSat, 15 March 2025 06:52 AM
share Share
Follow Us on
रोहिंग्याओं की सहायता में कटौती अपराध है, बांग्लादेश पहुंचे यूएन चीफ की दुनिया से अपील

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव ने बांग्लादेश के रोहिंग्या शरणार्थी शिविरों का दौरा करते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा की गई सहायता कटौती को "एक अपराध" करार दिया है। यूएन चीफ का ये बयान तब आया जब वह बांग्लादेश के कॉक्स बाजार क्षेत्र में स्थित दुनिया के सबसे बड़े शरणार्थी शिविरों में से एक का दौरा कर रहे थे, जहां लाखों रोहिंग्या शरणार्थी म्यांमार से भागकर आए हैं।

"यह मानवता के खिलाफ एक अपराध"

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा, "इन लोगों को पहले ही अपने घरों से विस्थापित होने का दर्द सहन करना पड़ा है। अब जब वे यहां शरण लिए हुए हैं, तो उनकी सहायता में कटौती करना न केवल उनकी पीड़ा को बढ़ाता है, बल्कि यह मानवता के खिलाफ एक अपराध है।" उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वे इन शरणार्थियों के लिए भोजन, चिकित्सा सुविधाओं और शिक्षा जैसी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए तत्काल कदम उठाएं।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस अपने चार दिवसीय बंगलादेश दौरे पर हैं। इस दौरान, वह शुक्रवार को रमजान के पवित्र महीने में मुसलमानों द्वारा उपवास तोड़ने के समय इफ्तार में हजारों रोहिंग्या शरणार्थियों के साथ शामिल हुए। रोहिंग्या शरणार्थी बंगलादेश के कॉक्स बाजार जिले में कैंपों में रह रहे हैं, जो राजधानी ढाका से लगभग 400 किमी दक्षिण-पूर्व में है।

10 लाख रोहिंग्या शरणार्थी

कॉक्स बाजार के शिविरों में लगभग 10 लाख रोहिंग्या शरणार्थी रहते हैं, जो 2017 में म्यांमार में सैन्य कार्रवाई के बाद वहां से भागकर आए थे। हाल के वर्षों में, दानदाताओं की ओर से दी जाने वाली वित्तीय सहायता में कमी के कारण विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) और अन्य सहायता संगठनों को अपने संसाधनों में कटौती करनी पड़ी है। इससे शरणार्थियों को मिलने वाला राशन और अन्य सुविधाएं प्रभावित हुई हैं।

ये भी पढ़ें:घुसपैठियों के खिलाफ ऐक्शन में दिल्ली पुलिस, अब इस इलाके में चलाया सत्यापन अभियान
ये भी पढ़ें:रोहिंग्या पर ऐक्शन के बाद अब पाक-चीनी नागरिक के छिपे होने के पत्र से हड़कंप

संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख ने यह भी चेतावनी दी कि यदि सहायता में और कमी हुई तो यह स्थिति मानवीय संकट को और गहरा सकती है। उन्होंने बांग्लादेश सरकार की प्रशंसा की, जिसने सीमित संसाधनों के बावजूद शरणार्थियों को आश्रय प्रदान किया है। साथ ही, उन्होंने म्यांमार सरकार से रोहिंग्या समुदाय के अधिकारों को बहाल करने और उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने का आह्वान किया।

इस दौरे के दौरान स्थानीय अधिकारियों और शरणार्थी नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र प्रमुख के सामने अपनी चिंताएं रखीं। एक शरणार्थी नेता ने कहा, "हमें हर दिन भूखे पेट सोना पड़ता है। हमारे बच्चों को स्कूल जाने का मौका नहीं मिल रहा। हमें उम्मीद है कि दुनिया हमारी आवाज सुनेगी।" संयुक्त राष्ट्र के इस बयान से उम्मीद जताई जा रही है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस संकट की ओर फिर से ध्यान देगा और रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए सहायता बढ़ाने के प्रयास तेज करेगा।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।