बांग्लादेशी-रोहिंग्या घुसपैठियों के खिलाफ ऐक्शन में दिल्ली पुलिस, अब यहां चलाया वेरिफिकेशन अभियान
- इससे पहले इस साल जनवरी में दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने पुलिस को राष्ट्रीय राजधानी में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी प्रवासियों की पहचान के लिए एक विशेष अभियान शुरू करने का निर्देश दिया था।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से अवैध घुसपैठियों के खिलाफ मिले कार्रवाई करने के निर्देश के बाद दिल्ली पुलिस इन दिनों फुल ऐक्शन में है। इस दौरान उसने शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी के वसंत कुंज इलाके में मौजूद जय हिंदी कैम्प झुग्गी-बस्ती क्षेत्र में अवैध घुसपैठियों के खिलाफ सत्यापन अभियान चलाया। इससे पहले 6 मार्च को भी दिल्ली पुलिस ने संगम विहार इलाके में रह रहे अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों की पहचान के लिए सत्यापन अभियान चलाया था। शनिवार को चलाए अभियान में भी पुलिस ने स्थानीय लोगों के पहचान पत्रों की जांच की।
इस बारे में समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए सब-इंस्पेक्टर रवि मलिक ने कहा कि सत्यापन प्रक्रिया के दौरान वे लोगों से उनका पहचान प्रमाण पत्र मांग रहे हैं और उनके द्वारा दी जा रही जानकारियों का उससे मिलान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रक्रिया के दौरान अगर कोई संदिग्ध पाया जाता है, तो उसके पहचान प्रमाण पत्र सत्यापन के लिए उसके संबंधित जिले में भेज दिए जाते हैं।
पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘सत्यापन के लिए हम उनके सभी पहचान पत्र मांगते हैं, अगर हमें कोई संदिग्ध लगता है तो उसके पहचान-पत्र सत्यापन के लिए संबंधित जिलों में भेज दिए जाते हैं। अगर हमें यहां कोई अवैध रूप से रहता हुआ मिलता है, तो उसे निर्वासित कर दिया जाता है... उसके सभी विवरणों का सत्यापन किया जाता है।’
इससे पहले 28 फरवरी को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय राजधानी में कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा के लिए एक बैठक बुलाई थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठ का मुद्दा राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा है और इससे सख्ती से निपटा जाना चाहिए।
केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने बैठक में कहा था, ‘बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों को देश में प्रवेश कराने, उनके दस्तावेज बनवाने और यहां रहने में मदद करने वाले पूरे नेटवर्क के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। घुसपैठियों का मुद्दा राष्ट्रीय सुरक्षा से भी जुड़ा है और इससे सख्ती से निपटा जाना चाहिए। उनकी पहचान की जानी चाहिए और उन्हें वापस उनके देश भेजा जाना चाहिए।’
वहीं इस साल जनवरी में दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने भी पुलिस को राष्ट्रीय राजधानी में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी प्रवासियों की पहचान के लिए एक विशेष अभियान शुरू करने का निर्देश दिया था। संगम विहार की एक निवासी ने एएनआई को बताया कि पुलिस कर्मियों ने उससे पूछा था कि वह कब इस इलाके में आई थी। तब उसने जवाब देते हुए बताया था, 'मैं कोलकाता से हूं और पिछले एक साल से दिल्ली में रह रही हूं। पुलिस ने मुझसे पूछा कि मैं कब यहां आई...उन्होंने मेरा आधार कार्ड चेक किया।'
इस सप्ताह की शुरुआत में, दिल्ली पुलिस के शीर्ष अधिकारियों की एक बैठक में, देश में अवैध रूप से रहने वालों के खिलाफ अभियान के तहत बांग्लादेश के अवैध प्रवासियों की पहचान करने और उन्हें निर्वासित करने के उपायों को तेज करने का निर्णय लिया गया था। एलजी ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया था कि वह प्रिंट और सोशल मीडिया के माध्यम से एक जागरूकता अभियान शुरू करे, ताकि कर्मचारियों/घरेलू सहायकों और निर्माण श्रमिकों सहित अन्य श्रमिकों की खुद की सुरक्षा के हित में सत्यापन के महत्व पर जन जागरूकता पैदा की जा सके।
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