Hindi Newsविदेश न्यूज़Ukrainian soldiers fleeing war 1700 soldiers who returned after training from France missing

युद्ध छोड़कर भाग रहे यूक्रेनी सैनिक, फ्रांस से ट्रेनिंग लेकर लौटी ब्रिगेड के 1700 जवान गायब

  • Ukraine russia war updates: यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने एक नई बटालियन बनाकर उसे ट्रेनिंग के लिए फ्रांस भेजा था। लेकिन अब युद्ध के लिए फ्रंट लाइन पर पहुंचने से पहले ही इस बटालियन के लगभग एक तिहाई लोग भाग चुके हैं।

Upendra Thapak लाइव हिन्दुस्तानFri, 3 Jan 2025 06:13 PM
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रूस-यूक्रेन युद्ध को शुरू हुए लगभग तीन साल हो चुके हैं। दोनों ही देशों के सैनिकों के लिए यह युद्ध काफी थकाने वाला है। यूक्रेन ने अपने सैनिकों की बेहतर और जल्दी ट्रेनिंग के लिए उन्हें अलग-अलग पश्चिमी देशों में भेजा हुआ है। लेकिन हाल में सा्मने आई एक रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन की एक हाई प्रोफाइल ब्रिगेड (जिसे खुद जेलेंस्की के कहने पर बनाया गया है) के 1700 सैनिक फ्रंट लाइन पर पहुंचने से पहले ही युद्ध से भाग खड़े हुए हैं। यह स्थिति यूक्रेन के लिए और भी मुश्किल भरी हो जाती है क्योंकि यूक्रेन की सेना कई मोर्चों पर लगातार युद्ध लड़ रही है। हाल ही में सामने आई एक रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेनी सेना की कई बटालियन लगातार युद्ध लड़ रही हैं। उनको पीछे हटाकर नए सैनिकों को खड़ा करना यूक्रेन के लिए मुश्किल हो रहा है।

डेली टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन की 155वीं मैकेनाइज्ड ब्रिगेड के 5800 में से 1700 सैनिक भाग गए हैं। इस टुकड़ी के सैनिकों को फ्रांस की सेना ने पश्चिमी यूक्रेन, फ्रांस और पोलैंड जैसी जगहों पर ट्रेनिंग दी थी। इस टुकड़ी के पास पश्चिमी देशों के कई विशिष्ट हथियारों को चलाने की ट्रेनिंग थी। यूक्रेनी सेना की यह टुकड़ी राष्ट्रपति जेलेस्की के फ्रांस से किए विशिष्ट अनुरोध की वजह से फ्रांसीसी सेना के साथ ट्रेनिंग लेने के लिए पहुंची थी। उन्हें आशा थी कि यह टुकड़ी नई ट्रेनिंग के साथ रूसी सेना को धूल चटाने में मददगार साबित होगी।

रिपोर्ट के मुताबिक सैनिकों के गायब होने का सिलसिला फ्रांस से ही शुरू हो गया था। ट्रेनिंग के लिए पहुंचे इन यूक्रेनी जवानों में से 50 जवान पहली गोली चलाने से पहले ही यहां से भाग खड़े हुए। हालांकि यह सिर्फ एक शुरुआत थी। ट्रेनिंग पूरी करने के बाद इस ब्रिगेड को जब तक रणनीतिक रसद रास्ते की सुरक्षा में लगाया गया तब तक इसके 1700 सैनिक भाग चुके थे। इसका मतलब यह हुआ कि इस बटालियन के एक तिहाई सैनिकों ने युद्ध में भाग लेने से पहले ही यहां से भाग जाना सही समझा।

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अब इस ब्रिगेड के फेल होने के बाद यूक्रेन में राष्ट्रपति जेलेंस्की के ऊपर सवाल उठना शुरू हो गए हैं। पर्यवेक्षकों ने इस फैसले पर नाराजगी जताते हुए कहा कि जब पहले से ही बटालियन मौजूद हैं तो फिर एक नई बटालियन बनाकर उसमें भर्ती करने की जरूरत ही क्या थी। हम पहले वाली बटालियन में भी भर्ती करके उन्हें ट्रेनिंग के लिए भेज सकते थे।

एक यूक्रेनी अखबार ने इस पूरी घटना पर लिखा,"यह वास्तव में एक अपराध है। यह सैनिकों का या उनके अधिकारियों का अपराध नहीं बल्कि कमांडर इन चीफ, रक्षा मंत्रालय और नेताओं का अपराध है। इन्होंने लोगों का जीवन और पैसा बर्बाद किया है। पहले से मौजूद बटालियन को मजबूत करने की बजाय नई बटालियन बनाने की जरूरत ही क्या थी।"

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