PM मोदी के दौरे से पहले ट्रंप का टैरिफ वार, स्टील-एल्युमीनियम पर बढ़ी सख्ती; भारत पर क्या होगा असर?
- ट्रंप प्रशासन ने ऐलान किया है कि स्टील और एल्युमीनियम उत्पादों पर 25% तक का अतिरिक्त आयात शुल्क लगाया जाएगा। भारत अमेरिका को हर साल करीब 300 करोड़ डॉलर (लगभग 26,250 करोड़ रुपये) का स्टील निर्यात करता है। हालांकि, भारत अमेरिका का सबसे बड़ा स्टील निर्यातक नहीं है।
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्टील और एल्युमीनियम पर भारी टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। ट्रंप के इस फैसले से भारत समेत कई देशों के व्यापार पर असर पड़ सकता है। यह फैसला ऐसे वक्त में आया है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दो दिवसीय अमेरिका दौरे की तैयारी कर रहे हैं। 12 और 13 फरवरी को होने वाले इस दौरे से पहले ट्रंप के इस कदम ने हलचल मचा दी है।
क्या है ट्रंप का नया टैरिफ प्लान?
ट्रंप प्रशासन ने ऐलान किया है कि स्टील और एल्युमीनियम उत्पादों पर 25% तक का अतिरिक्त आयात शुल्क लगाया जाएगा। यह शुल्क इस हफ्ते से ही लागू हो जाएगा। अमेरिकी सरकार का दावा है कि चीन समेत कई देश सस्ते दामों पर स्टील और एल्युमीनियम निर्यात कर अमेरिकी उद्योगों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इसी के चलते ट्रंप ने यह सख्त फैसला लिया है। हालांकि, दिलचस्प बात यह है कि ट्रंप ने कनाडा और मेक्सिको पर पहले से तय यह शुल्क एक महीने के लिए रोक दिया है। इसका मतलब साफ है कि अमेरिका अभी भी कुछ देशों से बातचीत करने के मूड में है, लेकिन भारत के लिए ऐसी कोई छूट नहीं दी गई है।
भारत को कितना होगा नुकसान?
भारत अमेरिका को हर साल करीब 300 करोड़ डॉलर (लगभग 26,250 करोड़ रुपये) का स्टील निर्यात करता है। हालांकि, भारत अमेरिका का सबसे बड़ा स्टील निर्यातक नहीं है। अमेरिका सबसे ज्यादा स्टील कनाडा, ब्राजील, मेक्सिको, दक्षिण कोरिया और वियतनाम से खरीदता है। भारत इस सूची में थोड़ा पीछे है, लेकिन इसके बावजूद टैरिफ बढ़ने से भारतीय स्टील कंपनियों को झटका लग सकता है। इस फैसले से एल्युमीनियम निर्यात पर भी असर पड़ेगा, हालांकि भारत से अमेरिका को एल्युमीनियम निर्यात स्टील के मुकाबले थोड़ा कम है। लेकिन अगर ट्रंप प्रशासन आगे और धातु उत्पादों पर शुल्क बढ़ाता है, तो यह भारत के लिए और चिंता की बात हो सकती है।
चीन फैक्टर तो नहीं है भारत की समस्या?
अमेरिका ने हाल ही में चीन से आयात होने वाले उत्पादों पर भी 10% अतिरिक्त शुल्क लगाया है। चीन पर आरोप है कि वह अपने घरेलू स्टील उद्योग को सब्सिडी देकर सस्ते दामों पर वैश्विक बाजार में स्टील और एल्युमीनियम बेचता है, जिससे बाकी देशों के उद्योगों को नुकसान होता है। भारत भी इसी समस्या से जूझ रहा है। भारत में स्टील आयात तेजी से बढ़ रहा है, खासतौर पर चीन से। आंकड़ों के मुताबिक, इस साल के पहले छह महीनों में भारत में स्टील आयात 55 लाख टन के पार पहुंच गया, जो पिछले साल की तुलना में कहीं ज्यादा है। इसमें चीन से आने वाले स्टील की मात्रा भी 10 लाख टन से बढ़कर 18.5 लाख टन हो गई है। ऐसे में भारत को न सिर्फ अमेरिकी टैरिफ से झटका लग सकता है, बल्कि घरेलू बाजार में भी चीनी स्टील से कड़ी प्रतिस्पर्धा झेलनी पड़ सकती है।
मोदी के दौरे पर क्या असर पड़ेगा?
ट्रंप का यह फैसला मोदी के अमेरिका दौरे से ठीक पहले आया है, जिससे इस दौरे की अहमियत और बढ़ गई है। कूटनीतिक तौर पर भारत इस मुद्दे को अमेरिका के सामने जोर-शोर से उठा सकता है। हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या ट्रंप भारत को भी कनाडा और मेक्सिको की तरह कोई रियायत देने पर विचार करेंगे या नहीं।
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