गाजावासियों को अरब देशों में बसा दो; ट्रंप के प्रस्ताव पर हमास और इजरायल ने दिया जवाब
- Donald trump on gaza residents: डोनाल्ड ट्रंप के गाजावासियों को अरब देशों में बसाने के प्रस्ताव को हमास ने खारिज कर दिया है। हमास की तरफ से कहा गया फिलिस्तीन के लोग दशकों से अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए लड़ रहे हैं। वह ऐसे प्रस्ताव के लिए कभी नहीं मानेंगे।
संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को गाजावासियों को अरब देशों में बसाने का प्रस्ताव दिया था। अब इस प्रस्ताव पर हमास और इजरायल की तरफ से जवाब आया है। हमास ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है तो वहीं उसके साथ मिलकर इजरायल के खिलाफ युद्ध लड़ रहे इस्लामिक जिहाद ने इस प्रस्ताव को निंदनीय बताया है। दूसरी तरफ इजरायल ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया है। इजरायली वित्तमंत्री ने कहा कि गाजा में शांति कायम करने के लिए ऐसे ही किसी 'आउट ऑफ द बॉक्स' समाधान की जरूरत है।
ट्रंप के प्रस्ताव का हमास का रिएक्शन
15 महीनों से जारी युद्ध को खत्म करके युद्धविराम में जी रहे हमास ने ट्रंप के प्रस्ताव का खारिज कर दिया। उनकी तरफ से कहा गया कि गाजावासी कभी भी इस प्रस्ताव के लिए नहीं मानेंगे हम दशकों से अपनी मातृभू्मि के लिए लड़ते आ रहे हैं। हमास के साथ मिलकर युद्ध लड़ रहे इस्लामिक जिहाद ने भी ट्रंप के इस प्रस्ताव को निंदनीय बताते हुए खारिज कर दिया।
इजरायल ने क्या कहा
ट्रंप के इस प्रस्ताव को इजरायल की तरफ से समर्थन मिला है। इजरायली वित्त मंत्री बेजेलेल स्मोट्रिच ने कहा कि अमेरिका राष्ट्रपति ने जो प्रस्ताव दिया है वह गाजा वासियों को बेहतर बनाने का महान विचार है। जो कि उनके जीवन को इस नरक से निकाल सकेगा। उन्होंन कहा कि गाजा के संघर्ष को समाप्त करने के लिए ऐसे आउट ऑफ द बॉक्स सामधान की ही जरूरत है। हम नए प्रस्तावों के जरिए ही गाजा में शांति और स्थायित्व निश्चित कर सकते हैं।
ट्रंप ने क्या दिया था प्रस्ताव
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को गाजा युद्ध का हल सुझाते हुए प्रस्ताव दिया था कि मिस्त्र और जार्डन के लोगों को ज्यादा से ज्यादा मात्रा में गाजा निवासियों को अपने यहां शरण दे देनी चाहिए। मीडिया से बात करते हुए ट्रंप ने कहा कि अधिकांश गाजा वासी इन्ही देशों के वंशज हैं। ऐसे में बड़ा दिल दिखाते हुए अरब देशों को ज्यादा से ज्यादा गाजावासियों को शरण देनी चाहिए। ट्रंप ने पूरे गाजा के लोगों को वहां से नकालकर अन्य देशों में शरण देनी चाहिए, जिससे यह लड़ाई खत्म हो जाए और वह लोग शांति के साथ अपना जीवन जी सकें।
हमास और इजरायल के बीच 15 महीने से जारी युद्ध के कारण गाजा की करीब 75 फीसदी इमारते तबाह हो चुकी हैं। इसको दोबारा बनाने के लिए बिलियन्स डॉलर की जरूरत होगी। इससे पहले गाजा के पड़ोसी देश मिस्त्र ने फिलिस्तीनियों के किसी भी जबरन विस्थापन को चुनौती दी थी। राष्ट्रपति सीसी ने इस बारे में कहा था कि गाजा वासियों को इजिप्ट में बसाने से हमारे और इजरायल के बीच हुई संधि को खतरा हो सकता है। ऐसे में हम नहीं चाहेंगे कि गाजा वासी हमारे देश में आएं। दूसरी तरफ जॉर्डन पहले से ही 2.3 मिलियन गाजा वासियों को शरण दिए हुए है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।