सभी बंधकों को अभी रिहा कर दो, नहीं तो मारे जाओगे; हमास को ट्रंप की आखिरी चेतावनी
- यह बयान उनके पहले के बयानों की तरह ही सख्त है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर बंधक उनके कार्यकाल शुरू होने से पहले रिहा नहीं हुए, तो मध्य पूर्व में नरक टूट पड़ेगा।

एक चौंकाने वाले घटनाक्रम में, अमेरिका ने गाजा में बंधक बनाए गए अमेरिकी नागरिकों की रिहाई और युद्ध को समाप्त करने के लिए हमास के साथ सीधी और गुप्त वार्ता शुरू की है। यह पहली बार है जब अमेरिका ने हमास के साथ सीधे बातचीत की है, जिसे वह 1997 से आतंकवादी संगठन मानता आ रहा है। इस कदम को ट्रंप प्रशासन की नीति में बड़े बदलाव के रूप में देखा जा रहा है। इस वार्ता की पुष्टि के कुछ ही घंटों बाद, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमास को कड़ी चेतावनी जारी की। ट्रंप ने हमास से गाजा में बंधक बनाए गए सभी लोगों को तुरंत रिहा करने की मांग की है।
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा, "हमास को सभी बंधकों को अभी रिहा करना होगा, बाद में नहीं, और जिन लोगों की हत्या की गई उनकी लाशें तुरंत लौटानी होंगी, वरना आपके लिए सब खत्म हो जाएगा।" उन्होंने आगे कहा, "मैं इजरायल को वह सब कुछ भेज रहा हूं जो उसे काम पूरा करने के लिए चाहिए। अगर आप मेरे कहे अनुसार नहीं करते, तो एक भी हमास सदस्य सुरक्षित नहीं रहेगा। यह आपकी आखिरी चेतावनी है!" उन्होंने हमास नेतृत्व से कहा कि वे अभी गाजा छोड़ दें और बंधकों को तुरंत रिहा करें, वरना "बाद में नरक भुगतना पड़ेगा।" यह बयान ट्रंप के हाल ही में व्हाइट हाउस में आठ पूर्व बंधकों से मुलाकात के बाद आया है।
ट्रंप ने गाजा की जनता को भी संबोधित करते हुए कहा, "आपके लिए एक खूबसूरत भविष्य इंतजार कर रहा है, लेकिन अगर आप बंधकों को रखते हैं, तो समझ लीजिए की आप खत्म हैं।" यह बयान उनके पहले के बयानों की तरह ही सख्त है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर बंधक उनके कार्यकाल शुरू होने से पहले रिहा नहीं हुए, तो "मध्य पूर्व में नरक टूट पड़ेगा।"
व्हाइट हाउस ने की पुष्टि, इजरायल को दी जानकारी
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने बुधवार को संवाददाताओं से बातचीत में अमेरिका और हमास की वार्ताओं की पुष्टि की। उन्होंने कहा, "हमास के साथ सीधी बातचीत चल रही है और इजरायल को इसकी जानकारी दी गई थी।" लेविट ने जोर देकर कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप का मानना है कि यह कदम अमेरिकी लोगों के हित में है, खासकर जब "अमेरिकी जिंदगियां दांव पर हों।" हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि ये बातचीत केवल बंधकों की रिहाई तक सीमित हैं या गाजा में लंबे समय तक युद्धविराम पर भी चर्चा शामिल है।
इजरायल की प्रतिक्रिया और क्षेत्रीय प्रभाव
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने एक बयान में कहा, "हमने अमेरिका के साथ संपर्क में हमास के साथ सीधी बातचीत पर अपनी स्थिति स्पष्ट की है," लेकिन विस्तार से कुछ नहीं बताया। इजरायल हमास को आतंकवादी संगठन मानता है, उसने हमेशा इस समूह के साथ सीधे बातचीत से इनकार किया है। कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि इजरायल को इन वार्ताओं के कुछ पहलुओं की जानकारी अन्य माध्यमों से मिली, जिससे संकेत मिलता है कि पूर्ण समन्वय नहीं था।
इस बीच, कतर और मिस्र जैसे मध्यस्थ देशों ने पहले भी इजरायल और हमास के बीच बातचीत में भूमिका निभाई थी, लेकिन अमेरिका का सीधा हस्तक्षेप एक नया मोड़ है। विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप का यह "असामान्य दृष्टिकोण" बंधकों की रिहाई में तेजी ला सकता है, लेकिन अगर इजरायल के साथ तालमेल नहीं रहा तो यह जटिलताएं भी पैदा कर सकता है।
गाजा में स्थिति
गाजा में जनवरी से लागू संघर्षविराम के बाद लड़ाई रुकी हुई है, लेकिन इजरायल ने मानवीय सहायता की आपूर्ति रोक दी है और सीमा पर सैनिकों की मौजूदगी बनाए रखी है। हमास ने अब तक 33 इजरायली और पांच थाई बंधकों को रिहा किया है, बदले में करीब 2,000 फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ा गया है। फिर भी, 59 बंधक अभी भी वहां हैं, जिनमें से आधे से कम के जीवित होने की उम्मीद है।
ट्रंप प्रशासन ने बार-बार सभी बंधकों की रिहाई और गाजा में हमास के शासन को खत्म करने की मांग की है। राष्ट्रपति ने गाजा पर अमेरिकी नियंत्रण और वहां के 22 लाख निवासियों को अन्यत्र बसाने का भी प्रस्ताव रखा है, जिसे अरब देशों ने खारिज कर दिया है। यह घटनाक्रम मध्य पूर्व में तनाव और अनिश्चितता के बीच सामने आया है, जहां ट्रंप की नीतियां क्षेत्रीय स्थिरता पर गहरा प्रभाव डाल सकती हैं।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।