बांग्लादेश के लिए भारत ने हजारों सैनिक खोए, आपने दुश्मन मान लिया; तस्लीमा नसरीन ने लगाई यूनुस को लताड़
- Taslima Nasreen: बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन ने यूनुस को 1971 की लड़ाई की याद दिलाते हुए कहा कि भारत ने बांग्लादेश के लिए अपने 17 हजार सैनिकों को खोया था।आज उसे आप बांग्लादेश का दुश्मन बता रहे हैं। वहीं पाकिस्तान ने अत्याचारों की आज तक माफी नहीं मांगी उसे दोस्त बता रहे हैं।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर जारी हिंसा के बीच भारत और बांग्लादेश के संबंधों में लगातार तल्खी बढ़ती जा रही है। अब इसी मुद्दे पर अपनी बात रखते हुए बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन ने अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस को लताड़ लगाई है। उन्होंने यूनुस पर निशाना साधते हुए बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में भारत के सहयोग को याद दिलाया। उन्होंने कहा कि जिस भारत ने हमारी मदद के लिए अपने हजारों सैनिकों को कुर्बान कर दिया आज उसे आप दुश्मन मान रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान, जिसने हमारे लाखों लोगों का कत्लेआम किया महिलाओं का रेप किया उसे आप आज अपना दोस्त मान रहे हैं।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर अपनी भड़ास निकालते हुए तस्लीमा नसरीन ने यूनुस को 1971 के मुक्ति संग्राम की याद दिलाई। उन्होंने लिखा, "जिस भारत ने बांग्लादेश को पाकिस्तान से बचाने के लिए अपने 17000 सैनिकों की जान कुर्बान कर दी थी, आज उसे कथित तौर पर दुश्मन माना जा रहा है। भारत ने ही पाकिस्तानी सेना से हमारे देश को बचाने के लिए हथियार मुहैया कराए, हमारे क्रांतिकारियों को प्रशिक्षित किया, आज आप उसे ही बांग्लादेश का दुश्मन मान रहे हैं।"
भारत को दुश्मन और आतंक के सप्लायर पाकिस्तान को दोस्त बता रहे- तस्लीमा नसरीन
तस्लीमा नसरीन ने कहा कि एक तरफ भारत है, जिसने हमेशा बांग्लादेश की मदद की उसे दुश्मन माना जा रहा है, जबकि जिस पाकिस्तान ने 30 लाख बंगालियों को निर्ममता से मौत के घाट उतार दिया, 20 लाख औरतों के साथ बलात्कार किया, उसे अब आप अपना दोस्त मान रहे हैं।
नसरीन यहीं नहीं रुकीं उन्होंने कहा कि आज के समय में भी पाकिस्तान कुछ भलाई नहीं कर रहा है। वो देश, जो दुनिया में आतंकी भेजने के लिए बदनाम है उसे दोस्त कह रहे हैं। याद रखिए पाकिस्तान ने अभी तक 1971 तक बांग्लादेश पर किए अत्याचारों के लिए माफी नहीं मांगी है लेकिन आप सब कुछ भुला कर उसे बांग्लादेश का दोस्त बताने लगे हैं।
पाकिस्तान के साथ दोस्ती बढ़ा रहे हैं यूनुस
भारत और बांग्लादेश के बीच संबंध शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़ने के बाद शुरू हो गए थे। बांग्लादेश में हसीना के बाद मुहम्मद यूनुस ने सत्ता संभाली। उन्होंने आते ही भारत विरोधी पार्टी बीएनपी को अपना समर्थन देना शुरू कर दिया। यूनुस के सत्ता में आते ही बांग्लादेश में भारत विरोधी तत्व सक्रिय हो गए। यूनुस ने स्वयं भी भारत के साथ रिश्तों में तल्खी बढ़ाने का काम किया।हाल ही में यूनुस सरकार ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के साथ मिलकर बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच में कई समझौते किए। कई ऐसे समझौते भी हुए, जिनसे भारत को सामरिक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
बांग्लादेश में हिंदुओं के ऊपर जारी हमलों के वजह से भी दोनों देशों के बीच में रिश्ते खराब हो गए हैं। भारत ने इस मुद्दे पर अपनी चिंता भी जाहिर की है। इसके अलावा यूनुस सरकार लगातार भारत से शेख हसीना को लौटाने का अनुरोध कर रही है। बांग्लादेश में हिंदुओं समुदाय पर होने वाले हमलों को लेकर भारत ने अपनी चिंता भी जाहिर की थी। इसके बाद दोनों देशों के बीच में तल्खी और भी ज्यादा बढ़ गई थी।
हालिया विवाद इस्कॉन के संत चिन्मय दास प्रभु की गिरफ्तारी के बाद शुरू हुआ। चिन्मय दास प्रभु की गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थकों ने आरोप लगाया कि संत को केवल इसलिए गिरफ्तार किया गया है क्योंकि वह बांग्लादेशी हिंदुओं के पक्ष में अपनी बात को रखते हैं। हालांकि यूनुस सरकार ने इस मुद्दे पर कहा कि चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी किसी भी तरीके से केवल हिंदू होने या संत होने की वजह से नहीं की गई है। बल्कि उनके ऊपर देश द्रोह का मुकदमा लगा हुआ है। इसकी वजह से उनको गिरफ्तार किया गया है।
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